कोण्डागांव

ऑनलाइन ट्रेडिंग के चक्कर में गवाएं करोड़ों
02-Sep-2023 9:13 PM
ऑनलाइन ट्रेडिंग के चक्कर में गवाएं करोड़ों

  शासकीय राशि को गबन करने वाला मत्स्य विभाग का बाबू गिरफ्तार  
फर्जी हस्ताक्षर करके अलग-अलग अकाउंट में डाले पैसे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 2 सितंबर।
सहायक संचालक मछली पालन कार्यालय कोण्डागांव में पदस्थ संजय गढ़पाले सहायक ग्रेड-2 के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी हस्ताक्षर करते हुए करोड़ों रुपए अपने अकाउंट में डालने के बाद उन पैसों को ऑनलाइन ट्रेडिंग में खेलते हुए गंवा दिए। इस मामले की जानकारी लगने के बाद बाबू के खिलाफ कोंडागांव थाना में मामला दर्ज किया गया, जहां आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसे जेल भेज दिया गया।

मामले के बारे में जानकारी देते हुए कोंडागांव थाना प्रभारी प्रहलाद यादव ने बताया कि  प्रार्थी योगेश देवांगन सहायक मत्स्य अधिकारी की रिपोर्ट पर शुक्रवार को आरोपी संजय गढ़पाले के विरुद्ध थाना कोण्डागांव में धारा 409, 420 भादवि दर्ज कर जांच में लिया गया। दो सितंबर को आरोपी संजय गढ़पाले को कोण्डागांव पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
आरोपी संजय गढ़पाले से पूछताछ पर उसने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि सहायक संचालक मछली पालन कोण्डागांव व नारायणपुर के शासकीय खातों से गबन की गयी राशि को ऑनलाइन ट्रेडिंग में हार जाने की बात को बताया। आरोपी के कब्जे से गबन की नगदी 10 लाख रुपये, ऑनलाईन ट्रेडिंग हेतू लिया गया डेस्कटॉप कम्प्यूटर, वन पल्स एनड्राइट मोबाइल और पांच पासबुक अलग-अलग बैंकों का पासबुक पेश करने पर मामले में आरोपी संजय गढ़पाले के विरुद्ध  सबूत पाये जाने पर गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

पुलिस ने बताया कि आरोपी के  पास सहायक संचालक मछली पालन कार्यालय नारायणपुर का अतिरिक्त प्रभार था, संजय गढ़पाले दोनो कार्यालय में अकाउंटेट का कार्य करता था, इनके द्वारा अपनी पदस्थापना के दौरान वर्ष 2022 से 2023 के मध्य सहायक संचालक मछली पालन कोण्डागांव के शासकीय खाते से करीबन 4374794 रूपये व सहायक संचालन मछली पालन नारायणपुर के खाते से 8184200 रुपये कुल  1 करोड़ 25 लाख 58 हजार 994 रूपये का सहायक संचालक मछली पालन के शासकीय चेकों पर मानसिंग कमल का फर्जी हस्ताक्षर कर अपनी निजी खातों में शासकीय राशि का छलपूर्वक निकालकर गबन किया। संजय गढ़पाले के द्वारा किये गये शासकीय राशि का वित्तीय अनियमित्ता कर गबन की सूचना विभाग को मिलने पर उच्च स्तरीय टीम के द्वारा मामले की जांच की गई, जिसमें संजय गढ़पाले पर लगे आरोप प्रमाणित पाया गया।


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