कोण्डागांव

कोण्डागांव, 19 अगस्त। खाद्य एवं औषधि प्रशासन टीम के द्वारा दवाईयों की गुणवत्ता जांच हेतु मेडिकल स्टोर में लगातार जांच किया जा रहा है। कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशानुसार एवं उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन डॉ. आरके सिंह के मार्गदर्शन में औषधि विभाग के टीम ने ग्राम हीरापुर में संचालित रॉय मेडिकल स्टोर का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान दवाईयों के खरीदी-बिक्री दस्तावेजों का जांच किया गया। जहां सभी दस्तावेज नियमानुसार संधारित पाया गया। संदेह के आधार पर जिंकोगट ओरल सोल्युसन नामक दवाई को गुणवत्ता जांच हेतु राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला कालीबाड़ी, रायपुर भेजा गया। जिंकोगट ओरल सोल्युसन प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने एवं सामान्य सर्दी बुखार के इलाज में काम आती है।
औषधि निरीक्षक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले में संचालित सभी मेडिकल स्टोर्स का नियमित रूप से निरीक्षण किया जा रहा है साथ ही समय-समय पर दवाईयों की गुणवत्ता जांच हेतु औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, रायपुर भेजा जाता है। अब तक अलग-अलग प्रकार की 120 दवाईयों की जांच हेतु सैंपल लैब भेजा जा चुका है। अमानक दवा के निर्माता कंपनी के विरूद्ध नियमानुसार सक्षम न्यायालय कोण्डागांव में प्रकरण प्रस्तुत किया जाता है।
औषधि विभाग द्वारा सभी मेडिकल संचालकों को दवाईयों से संबंधित समस्त दस्तावेजों को नियमानुसार संधारित करने एवं मानक दवाईयों की ही बिकी करने के निर्देश दिये गये है। वहीं अन्य जांच में औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन सामाग्री अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के तहत् अनियमितताएं पाये जाने पर दहीकोंगा में संचालित जया मेडिकल स्टोर्स एवं मर्दापाल के निर्मला मेडिकल स्टोर्स के ड्रग लायसेंस को 05-05 दिन के लिये निलंबित किया गया है। मेडिकल स्टोर में बिल बुक एवं शेड्युल एच-1 रजिस्टर नियमानुसार संधारित नहीं किया गया था एवं मौके पर फार्मासिस्ट को भी अनुपस्थित पाया गया। जिसके लिये फर्म के संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, किन्तु फर्म के संचालक का जवाब संतोषप्रद न होने पर औषधि-अनुज्ञापन प्राधिकारी ने इस कृत्य को गंभीर लापरवाही मानते हुए फर्म का ड्रग लायसेंस पांच दिवस के लिए निलंबित किया है।
औषधि निरीक्षक सुखचौन सिंह धुर्वे ने बताया कि औषधि विभाग द्वारा सभी मेडिकल संचालकों को दवाईयों के क्रय-विक्रय दस्तावेजों एवं शेड्यूल रजिस्टर का नियमानुसार संधारण एवं स्वापक एवं मन: प्रभावी औषधि, एमटीपी किट जैसे औषधियों को पंजीकृत डॉक्टर के प्रिस्क्रीप्सन के बिना विक्रय न किये जाने के निर्देश दिये गये है।