कोण्डागांव

फूलो देवी नेताम के छत्तीसगढ़ में बेटियों पर हो रही बर्बरता को देख नहीं आ रहे आंसू- लता उसेंडी
01-Aug-2023 9:13 PM
फूलो देवी नेताम के छत्तीसगढ़ में बेटियों पर हो रही बर्बरता को देख नहीं आ रहे आंसू- लता उसेंडी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 1 अगस्त।
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि छत्तीसगढ़ की राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम मणिपुर में  विपक्षी दलों के सांसदों के साथ राहत कैंपों में महिलाएं और बच्चे से मिल रही हैं और कह रही हंै कि हालात बहुत खराब हैं तो ये बताएं छत्तीसगढ़ में जबसे कांग्रेस कि सरकार बनी हैं, तब से आज तक प्रदेश में महिलाएं बच्चे पुरुष सभी सुरक्षित नहीं हैं, आए दिन महिलाएं बच्चे पर अत्याचार हो रहा है।  आज छत्तीसगढ़ में 60 हजार के करीब महिलाएं बच्चे लापता हैं, क्या कारण है लापता होने का, बताएं। 

आगे कहा कि आज छत्तीसगढ़ में लोग पलायन कर रहे हैं। हम भी मणिपुर में जो घटना हुई, उससे आहत हैं, लेकिन आज छत्तीसगढ़ में लगातर हत्या और बलात्कार के मामले बढ़ रहे हंै।

जबकि फूलो देवी के विधानसभा क्षेत्र और गृहग्राम फरसगांव ब्लॉक में एक महिला को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया गया था और जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था, काश पीडि़त महिला से भी आकर मिलते।

छत्तीसगढ़ में लगातर महिलाएं और बच्चीयो पर अत्याचार हो रहा है लेकिन विपक्षी पार्टी के लोग अनदेखा कर रहे हैं। अभी हाल ही में सुकमा में लगातार 2 घटनाएं  हुईं। 
सुकमा के पोटाकेबिन में 6 साल की बच्ची के साथ जो हुआ वो प्रदेश के लिए झकझोर करने वाली घटना है, क्या फूलो देवी को मणिपुर न जाकर सुकमा जाना चाहिए था और तो और 2 किमी में ही मंत्री जी एक भवन का उद्घाटन कर रहे थे, लेकिन उस घटना स्थान पर  नहीं गए और न ही एक भी कांग्रेस के लोग सुकमा पहुंचे हम पूछते हंै क्या फूलो देवी से -क्या विपक्षी दल जो मणिपुर गया है उन्हें सुकमा में हुई घटना के लिए सभी दलों के 21 सांसदों को छत्तीसगढ़ के सुकमा लाएंगे जो कि खुद भी बस्तर से है और सांसद भी हैं।

छत्तीसगढ़ में भी सरकार के द्वारा माहौल को शांत कराने का प्रयास न किए जाने से माहौल खराब हो रहे है 
लता उसेंडी ने कहा कि फूलो देवी पहले छत्तीसगढ़ को अपनी नाकारा सरकार के असहनीय बोझ से मुक्त करें। छत्तीसगढ़ की जनता कह रही है, अपराधों, अन्याय-अत्याचार और भ्रष्टाचार की आग में झुलस रहा है, और फूलो देवी मणिपुर की हिंसा पर घडिय़ाली आँसू बहाने के बजाए खुद के संभाग हो रही घटना पर लोगों से आकार मिले।


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