कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 29 अप्रैल। नाबालिग के साथ रेप के आरोपी को बीस वर्ष कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा कोर्ट ने सुनाई है।
लोक अभियोजक दिलीप जैन ने बताया कि प्रकरण में आरोपी पीडि़ता का रिश्ते में मौसा लगता है। प्रकरण में प्रार्थिया पीडि़ता की बड़ी मां है। पीडि़ता के माता पिता की मृत्यु के बाद उसके पालन पोषण हेतु उसकी बड़ी मां/प्रार्थिया अपने पास रखी थी तथा उसकी छोटी बहन व दामाद सभी लोग साथ रहते थे।
घटना से कुछ समय पूर्व जब पीडि़ता अपने घर पर थी तब आरोपी ने उससे कहा कि प्यार करता हूं, तब पीडिता ने आरोपी से कहा कि आप मेरे मौसा है ऐसा गलत है उसके कुछ दिन बाद जब पीडि़ता की बड़ी मां ड्यूटी पर चली गयी थी और उसकी मौसी खेत चली गई थी, तब वह घर में अकेली थी उस समय आरोपी ने उसके साथ बलात्कार किया और किसी को बताने से मना किया और कहा था कि किसी को बताओगी तो जान से मार दूंगा यहां रहने नहीं दूंगा। उसके पश्चात् भी आरोपी पीडि़ता के साथ तीन-चार बार उसके साथ बलात्कार किया जिससे वह गर्भवती हो गई। पीडि़ता का पेट बड़ा हुआ देखकर उसकी बड़ी मां ने उससे पूछताछ किया तब उसने घटना के संबंध में बताया।
आरोपी के द्वारा पीडि़ता को जड़ी-बूटी दवाई खिलाया गया जिससे उसका गर्भपात हो गया। प्रार्थीया के द्वारा थाना में लिखित रिपोर्ट आरोपी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने पर थाना बड़ेडोंगर में आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
कोण्डागांव जिले के अपर सत्र न्यायाधीशए एफटीएससी.(पॉक्सो), कोण्डागंाव के न्यायाधीश कमलेश कुमार जुर्री ने प्रकरण का विचारण कर प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को धारा 376(2)(च)(ढ) भा.दं.स. मेे 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रू.के अर्थदण्ड, धारा 313 भा.दं.स. में 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 1000 रू. धारा 506 भा.दं.स. में 02 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 500 रू. के अर्थदण्ड एवं धारा 06 लैंगिंग अपराधों का सरंक्षण अधिनियम 2012 के तहत 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 1000/- रूपये के अर्थदंड ,अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं होने के व्यतिक्रम पर 01-01-01 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगतने का आदेश पारित किया गया है ।