कोण्डागांव

हड़ताली पंचायत सचिवों ने निकाली बाइक रैली, सौंपा ज्ञापन
11-Apr-2023 9:08 PM
हड़ताली पंचायत सचिवों ने निकाली बाइक रैली, सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 11 अप्रैल।
जिले के पांचों जनपद अंतर्गत कार्यरत पंचायत सचिवों के द्वारा 11 अप्रैल को जिले में बाइक रैली निकाली गई। रैली विश्रामपुरी से शुरू हुई और केशकाल, फरसगांव होते हुए कोण्डागांव पहुंची। 

एक सूत्रीय मांग शासकीयकरण को लेकर हड़ताली पंचायत सचिवों ने रैली के बाद कोण्डागांव के एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। बताया जा रहा है कि पंचायत सचिवों के अनिश्चितकालिन हड़ताल के चलते पंचायत स्तर के सभी कार्य थम से गए हैं। जिला मुख्यालय कोण्डागांव के एनसीसी मैदान में 16 मार्च से प्रदेश पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़ एक सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। अनिश्चितकालीन हड़ताल के तहत 3 अप्रैल को हड़ताल स्थल पर हड़ताली पंचायत  अप्रैल को बैइक रैली व महासभा का आयोजन किया गया। 

इस बारे में प्रदेश पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़ जिलाध्यक्ष मोहन भारद्वाज ने कहा कि, गांधी जी के विचारों के साथ अब पंचायत सचिव संघ अपना हड़ताल आगे बढ़ाएगा। इसी क्रम में 11 अप्रैल को कोण्डागांव जिला के जनपद पंचायत विश्रामपुरी मुख्यालय से बाईक रैली प्रारंभ की गई, जो कि केशकाल होते हुए फरसगांव पहुंची। फरसगांव में सचिव संघ के माध्यम से आम सभा का आयोजन कर अपनी बातों को आम जनों तक पहुंचाया गया। इसके बाद बाइक रैली जिला मुख्यालय कोण्डागांव पहुंची। मुख्यालय पहुंची बाईक रैली को विराम लगाते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है।

अब शुरू होगा क्रमिक भूख हड़ताल
जिलाध्यक्ष मोहन भारद्वाज ने आगे कहा कि, छत्तीसगढ़ के 146 विकास खंडों के सभी पंचायत सचिव एक सूत्रीय मांग नियमितिकरण को लेकर हड़ताल पर हैं। कई सालों से पंचायत सचिवों को दबाया जाता रहा हैं। अब सरकार को दिखाना है आर-पार की लड़ाई के लिए पंचायत सचिव तैयार हैं। ब्लॉक स्तर पर अब 12 अप्रैल से क्रमिक भूख हड़ताल शुरू किया जाएगा। सरकार की ओर से यदि सकारात्मक पहल नहीं बनी तो आंदोलन आमरण अनशन के रूप में परिवर्तित कर दिया जाएगा।

पंचायत सचिव संघ का दावा है कि, शासकीय करण की एक सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जिला के सभी 386 सचिव हड़ताल पर हैं। उनके एक साथ हड़ताल पर चले जाने से सभी पंचायतों में जन्म से लेकर मृत्यु तक के सभी जन कल्याणकारी कार्य रूक गए हैं।  साथ ही शासन के विभिन्न कार्यों में भी हड़ताल का असर दिखाई देने पड़ा हैं।


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