कोण्डागांव

पंचायत सचिव संघ की मांग जायज, मांग को पूरी करें सरकार-सीपीआई
09-Apr-2023 9:56 PM
पंचायत सचिव संघ की मांग जायज,  मांग को पूरी करें सरकार-सीपीआई

धरना स्थल पर पहुंचे सीपीआई जिला नारायणपुर के कार्यकर्ता
कोण्डागांव, 9 अप्रैल।
पंचायत सचिव संघ के धरना स्थल पर पहुंचकर सीपीआई जिला परिषद् नारायणपुर के कम्युनिस्टों ने ग्राम पंचायत सचिव संघ की मांग को जायज बताते हुए कांग्रेस सरकार से मांग की है कि ग्राम पंचायत सचिव संघ की मांग को जल्द से जल्द पूरी करें।

उक्त सम्बन्ध में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर का.चैतराम कोमरा व फुलसिंह कतलाम ने कहा है कि ग्राम पंचायत सचिव संघ जिला ईकाई नारायणपुर के द्वारा पंचायत सचिव संघ के प्रांतीय आव्हान पर पंचायत सचिवों की लंबित मांगों में से एक सूत्रीय मांग परिवीक्षा अवधि के पश्चात् शासकीयकरण हेतु दिए गए भरोसा के बाद भी बजट में शामिल नहीं करने के कारण ही 16 मार्च से काम बंद, कलम बंद अनिश्चितकालीन आंदोलन करने का लिए गए निर्णय के अनुसार ही पंचायत सचिवों के द्वारा धरना स्थल पर विगत अनिष्चितकालीन आंदोलन किया जा रहा है, जिन्हें आंदोलन पर बैठे हुए 24 दिन हो गए हैं। जहां शासन-प्रशासन के द्वारा पंचायत सचिवों की जायज मांग को पूरा करने की दिशा में अब तक कोई भी ठोस निर्णय नहीं लिया गया है और आंदोलन सतत् जारी है। 
वहीं पंचायत सचिवों के काम बंद, कलम बंद अनिश्चितकालीन आंदोलन पर होने के कारण ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप से हो गए हैं और सचिव की आवश्यकता वाले ग्रामीणजनों के काम नहीं होने से ग्रामीणजनों को भी परेशानियां होने लगी है। 

ग्रामीणजनों को हो रही परेशानियों को देखते हुए तथा पंचायत सचिवों की एक सूत्रीय मांग परिवीक्षा अवधि के पश्चात् शासकीयकरण, भी जायज होने के कारण ही सीपीआई जिला परिषद् नारायणपुर के कम्युनिस्ट जिला सचिव का.चैतराम कोमरा, सह सचिव फुलसिंह कतलाम, सहायक सचिव बदरुराम दुग्गा, जगरुराम दुग्गा आदि अनिश्चितकालीन आंदोलन स्थल पर पहुंचे और आंदोलनकारी पंचायत सचिवों से चर्चाकर उनकी मांग का समर्थन करने के साथ ही आंदोलन स्थल से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए संदेश जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पंचायत सचिवों को परिवीक्षा अवधि के पष्चात् शासकीयकरण का जो भरोसा दिलाया था उसे जल्द से जल्द अमल में लाया जाए। ऐसा नहीं करने पर सीपीआई जिला परिषद् नारायणपुर के कम्युनिस्ट पंचायत सचिवों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी षासन प्रषासन की होगी। 

वहीं आंदोलनकारी पंचायत सचिवों का मनोबल बढ़ाते हुए कम्युनिस्टों ने कहा कि वे सभी संघर्श करते रहे, सीपीआई उनके साथ है।


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