कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 12 अगस्त। दक्षिण वनमंडल कोण्डागांव ने वर्ष 2005 में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पेड़ों में रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा को प्रारंभ किया था। इस परंपरा को लगातार 18वें साल न केवल निरंतर रखा गया, बलकि इसका विस्तार करते हुए प्रकृति पथ (आमचो सरगी प्रकृति हर्र) के साल पेड़ों को भी रक्षा सूत्र बंधा गया।
दक्षिण कोण्डागांव वनमंडलाधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता के निर्देशन में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वृक्ष रक्षा सूत्र एक संकल्प वृक्ष को बचाने का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रक्षाबंधन के अवसर पर 11 अगस्त को नेशनल हाईवे 30 के किनारे वनमंडल कार्यालय परिसर और प्रकृति पथ (आमचो सरगी प्रकृति हर्र) मर्दापाल रोड में साल वृक्षों में रक्षा सूत्र बांधा गया। मौके पर मौजूद बच्चों, वन अधिकारी, कर्मचारियों ने वृक्षों का जन जीवन, पर्यावरण में प्रभाव के महत्व को समझाते हुए रक्षा का संकल्प लिया।
18 वर्ष से निरंतर है रक्षा सूत्र की परंपरा
दक्षिण कोण्डागांव वनमंडल के अंतर्गत वृक्ष रक्षा सूत्र भारतीय वनसेवा अधिकारी स्व. केसी यादव की पत्नी सुनीता यादव हरिता संस्थान के नाम से पर्यावरण बचाव राज्य स्तर कार्यक्रम वर्ष 2005 से अनवरत 18 वर्षों से जागरूकता ला रही थी, तभी से इसे दक्षिण वनमंडल में उत्सव की भांति बनाया जा रहा है। इस वर्ष वन मंडल के समस्त परिक्षेत्रों में वन प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा एक संकल्प वृक्ष को बचाने का वृक्ष रक्षा, जीवन सुरक्षा के तहत जन जागरूकता लाने के लिए क्षेत्र में ग्रामीणों द्वारा गडलिंग किए गए वृक्षों को बचाने वृक्षों की रक्षा करने, पर्यावरण में सुधार लाने का संदेश देते हुए वृक्ष रक्षा पर्व मनाया जा रहा है।
इस वर्ष विशेष तौर पर जन सामान्य के लिए नवनिर्मित वन चेतना केंद्र आमचो सरगी प्रकृति हर्र में बच्चों को आमंत्रित कर उनके वृक्ष रक्षा सूत्र बंधवाया गया।