कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 1 जुलाई। जनपद पंचायत कोण्डागांव सभाकक्ष में उभयलिंगी व्यक्ति के अधिकारों के संरक्षण कानून के प्रावधानों पर एक दिवसीय कार्यशाला 1 जुलाई को समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित की गई थी। इसमें जनपद पंचायत स्तर पर उभयलिंगी अधिकारों का संरक्षण कानून 2019 के प्रमुख प्रावधानों पर जानकारी दी गई।
इस जागरूकता कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड के सदस्य विद्या राजपूत, रविना बरिहा एवं देवनाथ उपस्थित रहे। उन्होंने कानून के प्रमुख प्रावधान अधिकारों का संरक्षण पर जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा 10 जनवरी 2020 से तृतीय लिंग व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण के लिए कानून लागू किया है। तृतीय लिंग की पहचान के लिए प्रमाण पत्र जरूरी होगा और प्रमाण पत्र के द्वारा उनके लिए पृथक से राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड की प्रावधान है। उनके लिए केन्द्र सरकार द्वारा सर्जरी हेतु 05 लाख की राशि देनेे का प्रावधान है। उन्हें हर वर्ग में नौकरी करने का अधिकार है। इस तरह इस कानून में तृतीय लिंग व्यक्तियों के साथ किसी भी प्रकार की प्रताडऩा करना, मारपीट करना, लैंगिक उत्पीडऩ करना दण्डनीय अपराध है। जिसमें छ: माह से लेकर दो साल तक का कारावास हो सकता है।
कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को तृतीय लिंग व्यक्तियों संबंधित रामायण, महाभारत व ऐताहासिक पृष्ठ भूमि से भी अवगत कराया गया। इस तरह छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इनके कल्याण हेतु जारी दिशा निर्देश की जानकारी दी गई। कार्यशाला में प्रतिभागियों द्वारा कुछ प्रश्न भी पूछे गए।
इस कार्यशाला में तहसीलदार कोण्डागांव विजय मिश्रा, उप संचालक समाज कल्याण अधिकारी ललिता लकड़ा, नीति आयोग सिओना, यूनिसेफ से सिमरन कौर धंजल, मानस फाउण्डेशन से उन्नति अरोरा, प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी चेतन सिंह ध्रुव, करारोपण अधिकारी मेघनाथ मरकाम, महिला बाल विकास के नरेन्द्र कुमार सोनी, जयदीप पटेल, अजीत जोगी, विरेन्द्र दीवान, सुनीता साहू, रमेश मरकाम, नगर पालिका से तरूण देवांगन, जनपद पंचायत कोण्डागांव के समस्त कर्मचारी एवं ग्राम पंचायत सरपंच एवं सचिव उपस्थित रहे।