अंतरराष्ट्रीय

कनाडा स्थिति पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीजेएफ़) ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि उसने ना तो भारत में प्रदर्शनों से जुड़ी किसी गतिविधि का कॉर्डिनेशन किया और ना ही रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग या किसी दूसरी हस्ती से किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करवाने के लिए कुछ किया.
दिल्ली पुलिस ग्रेटा थनबर्ग की ओर से शेयर की गई टूलकिट को बनाने और हालात ख़राब करने की कथित साज़िश रचने के मामले में पीजेएफ़ की जांच कर रही है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़, पीजेएफ़ के सह-संस्थापकों, मो धालिवाल और अनीता लाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उनकी संस्था के बारे में फैलाई जा रही जानकारी "कई मामलों में ग़लत है, और पूरी तरह से झूठ है."
उन्होंने कहा कि ये किसान आंदोनल के दौरान जान गँवाने वाले 200 से ज़्यादा लोगों से जानबूझकर ध्यान हटाने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि हमने किसी को ट्वीट करने के लिए पैसे नहीं दिए हैं. (bbc.com)