अंतरराष्ट्रीय

स्टेफ़नी हेगार्टी
दुनिया को सबसे पहले कोरोना वायरस की चेतावनी देने वाले चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत को अब एक साल बीत चुका है.
डॉ वेनलियांग को दुनिया भर में एक हीरो की तरह चर्चा की गई. लेकिन डॉ. वेनलियांग की मौत भी आख़िरकार कोरोना वायरस से ही हुई.
चीन के सरकारी मीडिया में उनकी सेहत को लेकर कुछ विरोधाभासी ख़बरें आती रहीं.
लेकिन वुहान अस्पताल, जहां डॉ वेनलियांग काम करते थे और जहां उनका इलाज़ हुआ, ने पिछले महीने ही इस बात की पुष्टि कर दी है कि डॉ. वेनलियांग की मौत हो चुकी है.
34 वर्षीय डॉ. वेनलियांग ने दिसंबर 2019 के आख़िरी दिनों में अपने साथी डॉक्टरों को संक्रमण फैलने के बारे में सूचना दी थी.
इसके बाद डॉ. वेनलियांग वापस काम पर आ गए. ऐसा माना जाता है कि वह एक मरीज़ से संक्रमित हुए. कोरोना वायरस से संघर्ष करते हुए मरने से तीन हफ़्ते पहले तक वह एक अस्पताल में रहे.
डॉ. वेनलियांग ने पिछले साल जनवरी महीने में ही अस्पताल के बिस्तर से चीनी सोशल मीडिया साइट वीवो पर अपनी कहानी पोस्ट की थी.
अपनी बात लिखते हुए उन्होंने लिखा, "सभी को नमस्कार, मैं डॉक्टर ली वेनलियांग, एक ऑप्थेलमॉलोजिस्ट हूं और वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल में काम करता हूं."
डॉ. वेनलियांग की कहानी से पता चला कि वुहान में सरकारी संस्थाओं ने कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के शुरुआती दौर में किस तरह ग़ैर-ज़िम्मेदारी से काम किया.
दिसंबर महीने में डॉ. वेनलियांग उस जगह काम कर रहे थे जहां से ये सब शुरू हुआ था. वह कोरोना के केंद्र में थे. दिसंबर महीने में ही उन्होंने वायरस संक्रमण के सात मामले देखे जो कि उन्हें सार्स जैसे लगे.
सार्स वो वायरस था जिसने साल 2003 में वैश्विक महामारी की शक्ल ली थी और दुनिया भर में कहर मचाया था.
ऐसा माना जाता है कि ये मामले वुहान के हुआनन सी फूड बाज़ार से जुड़े थे और सभी मरीज डॉ. वेनलियांग के अस्पताल में क्वारंटीन थे.
तीस दिसंबर को उन्होंने एक चैट ग्रुप में अपने साथी डॉक्टरों को एक संदेश भेजा. इसमें उन्होंने संक्रमण फैलने की चेतावनी दी और कहा कि वे सभी संक्रमण से बचने के लिए प्रोटेक्टिव क्लोदिंग कपड़े पहनें.
उस समय डॉ. वेनलियांग को पता नहीं था कि जो बीमारी सामने आई है, वो पूरी तरह नई बीमारी है. एक नया कोरोना वायरस है जो कि दुनिया पर कहर ढाने वाला है.
बीमार होने के बाद डॉ. ली ने लिखा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि सरकारी संस्थाएं ये क्यों कह रही हैं कि कोई भी स्वास्थ्यकर्मी बीमार नहीं हुआ है.
चार दिन बाद उन्हें पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो में बुलाया गया जहां उन्हें एक पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा गया. इस पत्र में उन पर 'ग़लत बयान देने' का आरोप लगाया जिसकी वजह से 'सामाजिक शांति बुरी तरह भंग' हुई है.
पत्र में लिखा था, "हम आपको चेतावनी देते हैं कि अगर आप इसी तरह जिद्दी बने रहेंगे और ये ग़ैरक़ानूनी गतिविधि जारी रखेंगे तो आप पर क़ानूनी कार्रवाई होगी. आप समझ गए?"
इसके नीचे डॉ. वेनलियांग की हैंडराइंटिंग में लिखा था - "हाँ, मैं समझता हूं."
वेनलियांग उन आठ लोगों में से थे जिन पर पुलिस "अफ़वाह फैलाने" के मामले में जांच कर रही थी.
जनवरी 2020 के अंत में डॉ. वेनलियांग ने इस पत्र की एक प्रति को सोशल मीडिया वेबसाइट वीवो पर पोस्ट किया और बताया कि उनके साथ क्या हुआ है.
जनवरी के शुरुआती हफ़्तों में वुहान के अधिकारियों का कहना था कि जो जानवरों के संपर्क में आए हैं, सिर्फ वही वायरस के शिकार हो सकते हैं. और इंसान से इंसान के बीच संक्रमण नहीं हो रहा है.
अब हम जानते हैं कि ये कितना ग़लत था. इसकी वजह से डॉक्टरों को संक्रमण से बचाने के लिए किसी तरह के दिशानिर्देश नहीं दिए गए.
लेकिन पुलिसकर्मियों से मुलाक़ात के एक हफ़्ते के अंदर ही डॉ. वेनलियांग ग्लूकोमा की शिकार एक महिला का इलाज कर रहे थे. उन्हें नहीं पता था कि वह महिला कोरोना वायरस से संक्रमित थी.
LI WENLIANG
"हम आशा करते हैं कि आप अब शांत हो सकते हैं और अपने व्यवहार की समीक्षा कर सकते हैं." पुलिस ने डॉ. वेनलियांग से जिस पत्र में हस्ताक्षर कराए, उसमें ये बात लिखी थी.
डॉ. वेनलियांग ने अपनी वीवो पोस्ट में बताया था कि दस जनवरी को उन्हें खांसी आने लगी. इसके अगले दिन उन्हें बुखार और दो दिन बाद अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. उनके माता पिता भी बीमार पड़ गए और अस्पताल ले जाए गए.
इसके दस दिन बाद 20 जनवरी को चीन ने संक्रमण को एक इमर्जेंसी घोषित किया. और इसके दो महीने बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे एक महामारी की संज्ञा दी.
शुरुआती दौर में टेस्टिंग के नतीजे भरोसे योग्य नहीं थे. डॉ. वेनलियांग ने बताया था कि कोरोना वायरस के लिए कई बार उनकी जाँच की गई लेकिन हर बार जांच के नतीजे नकारात्मक आए.
डॉ ली वेनलियांग
इस पोस्ट में उन्होंने बताया "आज न्यूक्लेइक एसिड टेस्टिंग के नतीजे आए हैं और नतीजे सकारात्मक हैं. धूल छंट गई है, आख़िरकार डाइग्नोस हो गया."
उन्होंने अपनी पोस्ट के साथ कुत्ते की एक इमोजी लगाई जिसकी आँखें पलटी हुई थीं और जीभ बाहर की ओर थी.
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इस पोस्ट पर डॉ. वेनलियांग के सर्मथन में हज़ारों कमेंट आए.
एक यूज़र ने अपने देश के बारे में चिंता जताते हुए लिखा - "डॉ. वेनलियांग एक हीरो हैं, भविष्य में जब डॉक्टरों को संक्रामक बीमारियों से जुड़े संकेत नज़र आएंगे तो वे आगामी चेतावनी जारी करने से पहले ज़्यादा डरेंगे."
"सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए लाखों - करोड़ों डॉ. वेनलियांग वेनलियांग की ज़रूरत है."
इसके कुछ दिनों के अंदर सात फरवरी, 2020 को डॉ. वेनलियांग की मौत हो गई. वह सिर्फ 34 साल के थे.
सोशल मीडिया साइट वीवो पर डॉ. वेनलियांग की मौत की ख़बर फैलने के साथ ही दुख और गुस्से की लहर नज़र आई.
वीवो पर दो ट्रेंडिंग हैशटैग थे - "वुहान सरकार को डॉ. वेनलियांग से माफ़ी मांगनी चाहिए" और "हमें बोलने की आज़ादी चाहिए"
एक कमेंट में लिखा गया, "इसे मत भूलिएगा कि अभी आप कैसा महसूस कर रहे हैं, इस ग़ुस्से को मत भूलिएगा. हमें ऐसा दोबारा नहीं होने देना चाहिए."
चीनी सरकार ने इस ग़स्से और नाराज़गी से निपटने के लिए कई कमेंट्स को सेंसर कर दिया. लेकिन आने वाले समय में चीनी सरकार को ये समझ आया कि चीनी लोगों को इस व्यक्ति के लिए दुखी होने की ज़रूरत है.
एक साल बाद डॉ. वेनलियांग की मूल पोस्ट पर दस लाख से ज़्यादा कमेंट्स हैं. और लाखों लोग डॉ. वेनलियांग को जानने की उम्मीद में उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स तक पहुंचे हैं.
डॉ. वेनलियांग एक बच्चे के पिता थे और दूसरे के पिता बनने वाले थे, उन्हें फ्राइड चिकन और टीवी सोप पसंद थे.
लोग उनके पेज पर गुड मॉर्निंग से लेकर मौसम एवं अपनी ज़िंदगी से जुड़ी जानकारी देने पहुंचते हैं.
एक कमेंट में लिखा है, "गुड मॉर्निंग डॉ. वेनलियांग. कल मेरा अंग्रेजी का इम्तिहान है. उम्मीद है कि अच्छे नंबर आएंगे."
कुछ अन्य लोगों ने अपनी प्रेम कहानी और डिप्रेशन से संघर्ष जैसी व्यक्तिगत कहानियां साझा की.
लेकिन उनकी मौत के एक साल बाद चीन जिस तरह से वायरस को नियंत्रित करने में सफल हो रहा है, उसके बाद ज़्यादातर कमेंट्स में आशा की किरण नज़र आ रही है.
वुहान में ज़िंदगी सामान्य होती दिख रही है. लेकिन उन्होंने सोचा नहीं होगा कि ये वायरस दुनिया किस तरह बदलने जा रहा है. (bbc.com)