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इजराइल, हमास के बीच शांति के पहले चरण की ट्रंप की घोषणा पर विश्व नेताओं ने शांति की उम्मीद जताई
09-Oct-2025 8:14 PM
इजराइल, हमास के बीच शांति के पहले चरण की ट्रंप की घोषणा पर विश्व नेताओं ने शांति की उम्मीद जताई

वेलिंगटन, 9 अक्टूबर। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गाजा में दो साल से जारी युद्ध में एक बड़ी सफलता का संकेत देते हुए, दोनों पक्षों द्वारा समझौते के ‘पहले चरण’ पर सहमति जताने की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद, विश्व के नेताओं ने बृहस्पतिवार को शांति की आशा व्यक्त की और इजराइल और हमास से अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आग्रह किया।

हमास आने वाले दिनों में फलस्तीनी कैदियों के बदले सभी 20 जीवित बंधकों को रिहा कर देगा, जबकि इजराइली सेना गाजा के अधिकांश हिस्से से वापसी शुरू कर देगी।

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘इसका मतलब है कि सभी बंधकों को बहुत जल्द रिहा कर दिया जाएगा और इजराइल अपने सैनिकों को एक तय सीमा पर वापस बुलाएगा, जो एक मजबूत, टिकाऊ और दीर्घकालिक शांति की ओर पहला कदम होगा।’’

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘ईश्वर की मदद से हम उन सभी को घर वापस लाएंगे।’’

अन्य नेताओं ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, जिनके देश ने वार्ता में भूमिका निभाई, ने बृहस्पतिवार को इस समझौते की सराहना की। ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए एक बयान में, एर्दोआन ने ट्रंप को ‘आवश्यक राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने’ के लिए धन्यवाद दिया, साथ ही कतर और मिस्र को भी समझौता कराने में मदद के लिए धन्यवाद दिया।

एर्दोआन ने कहा कि तुर्किये समझौते के पूर्ण कार्यान्वयन पर कड़ी नजर रखेगा और इस प्रक्रिया में अपना योगदान जारी रखेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने फलस्तीनी भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई देता हूं जिन्होंने दो वर्षों तक अवर्णनीय कष्ट सहे हैं।’’

तुर्किये के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस क्षेत्र में मानवीय सहायता भेजना प्राथमिकता है। उसने गाजा के पुनर्निर्माण की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।

मिस्र के राष्ट्रपति आब्देल-फतह अल-सिसी ने इजराइल और हमास के बीच हुए समझौते को एक ‘ऐतिहासिक क्षण’ बताया।

अल-सिसी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘यह समझौता न केवल युद्ध के अध्याय को समाप्त करता है; बल्कि यह क्षेत्र के लोगों के लिए न्याय और स्थिरता से परिभाषित भविष्य की आशा के द्वार भी खोलता है।’’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने एक बयान में कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र समझौते के पूर्ण कार्यान्वयन का समर्थन करेगा और निरंतर एवं सैद्धांतिक मानवीय राहत प्रदान करने का दायरा बढ़ाएगा। हम गाजा में पुनर्वास और पुनर्निर्माण के प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे।’’

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने सभी पक्षों से आग्रह किया कि ‘‘कब्जे को समाप्त करने, फलस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार को मान्यता देने और एक द्वि-राज्य समाधान प्राप्त करने की दिशा में एक विश्वसनीय राजनीतिक मार्ग स्थापित करने के लिए इस महत्वपूर्ण अवसर का लाभ उठाएं जिससे इजराइल और फलस्तीन शांति और सुरक्षा के साथ रह सकें।’’

चीन ने गाजा में एक ‘‘स्थायी और व्यापक’’ युद्धविराम की आशा व्यक्त की। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि शी चिनफिंग की सरकार को उम्मीद है कि यह समझौता गाजा में ‘मानवीय संकट’ को कम करेगा और पश्चिम एशिया में तनाव कम करेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि चीन द्वि-राज्य समाधान का समर्थन करता है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि यह समझौता ‘‘बंधकों और उनके परिवारों, गाजा में फलस्तीनियों और पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ी उम्मीद है।’’

मैक्रों ने ‘एक्स’ पर राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों के साथ-साथ कतर, मिस्र और तुर्किये के मध्यस्थों के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने इसे संभव बनाने में मदद की।

जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने समझौते का स्वागत किया और कहा कि उन्हें इस सप्ताह एक पूर्ण समझौते की उम्मीद है।

सऊदी अरब ने युद्धविराम की संभावित शुरुआत का स्वागत किया और विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि ‘‘यह महत्वपूर्ण कदम गाजा पट्टी में फलस्तीनी लोगों की मानवीय पीड़ा को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई, इजराइल की पूर्ण वापसी, सुरक्षा और स्थिरता की बहाली और द्वि-राज्य समाधान तथा 1967 की सीमाओं पर एक स्वतंत्र फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना के आधार पर एक न्यायसंगत और व्यापक शांति प्राप्त करने के लिए व्यावहारिक कदमों की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त करेगा।’’

जॉर्डन जॉर्डन के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री, अयमान सफादी ने इस प्रयास की सराहना की।

लेबनान के राष्ट्रपति जोसफ ओउन, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वान वील, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान सरकार ने भी इस कदम का स्वागत किया। (एपी)


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