अंतरराष्ट्रीय
चम्याती इलाके में हुई झड़पों के दौरान तीन पुलिसकर्मी मारे गए और लगभग 150 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है.
पीएके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक़ और संघीय मंत्री तारिक फज़ल चौधरी ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में घटना की पुष्टि की.
अनवारुल हक़ ने कहा, “हिंसा के ज़रिए कोई लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता. संघर्षों का समाधान हमेशा बातचीत के ज़रिए होता है.”
संघीय मंत्री तारिक फज़ल चौधरी ने बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने उन्हें कमेटी नेताओं से बातचीत कर समाधान निकालने की ज़िम्मेदारी दी है. “हमने कमेटी की 90% मांगें मान ली हैं और आगे भी चर्चा के लिए तैयार हैं.”
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने क्या कहा?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर की स्थिति पर गहरी चिंता जताई है.
उन्होंने घटना की पारदर्शी जांच के आदेश दिए हैं और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि विरोध प्रदर्शनों से प्रभावित परिवारों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जाए.
अपने बयान में प्रधानमंत्री शरीफ़ ने कहा, "शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन प्रदर्शनकारियों को सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने से बचना चाहिए."
क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मांगें?
- जम्मू कश्मीर पब्लिक एक्शन कमेटी (पीएसी) ने सरकार के सामने कई अहम मांगें रखी हैं:
- प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के विशेषाधिकार समाप्त करना
- पाकिस्तान में रह रहे शरणार्थियों के लिए 12 विधानसभा सीटों का प्रावधान
- मुफ़्त चिकित्सा सुविधा, वर्दी और निःशुल्क शिक्षा
- एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना
- कोटा सिस्टम को समाप्त करना
- न्यायिक प्रणाली में सुधार
हाल ही में सरकार और पीएसी के बीच हुई वार्ता विफल रही थी, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं. (bbc.com/hindi)


