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दलाई लामा का 90वां जन्मदिन और उत्तराधिकार का सवाल
06-Jul-2025 8:59 PM
दलाई लामा का 90वां जन्मदिन और उत्तराधिकार का सवाल

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा है कि वह 130 साल जिएंगे. कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपनी विरासत की योजना को सामने रखा और बताया कि मृत्यु के बाद वह फिर जन्म लेंगे.

 डॉयचे वैले पर निखिल रंजन का लिखा-

रविवार 6 जुलाई को दलाई लामा 90 साल के हो गए. इस मौके पर चीन के साथ शांति के लिए प्रार्थना करते हुए दलाई लामा ने खुद को सामान्य बौद्ध भिक्षु कहा. कत्थई लिबास में भिक्षुओं और भिक्षुणियों ने हिमालय के एक पर्वत की चोटी पर बने मंदिर में दलाई लामा की दीर्घायु के लिए प्रार्थना की.

दो भिक्षुओं की मदद से दलाई लामा जब लोगों के सामने आए तो उनके चेहरे पर वही चिर परिचित मुस्कान थी. अपने जन्मदिन संदेश में दलाई लामा ने कहा, "भौतिक विकास के लिए काम करना जरूरी है लेकिन इसके साथ ही मानसिक शांति को हासिल करना भी बहुत जरूरी है जिससे कि एक अच्छे दिल का निर्माण हो जो ना सिर्फ अपने लोगों के बल्कि हर किसी के प्रति सद्भाव रखे." 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई दी और उन्हें, "प्यार का स्थाई प्रतीक कहा." इस मौके पर दुनिया के कई और देशों से दलाई लामा को बधाई दी गई है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका, "तिब्बती लोगों के बुनियादी अधिकार और मानवाधिकार के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है."

बीते कुछ समय से उनके अनुयायी उनकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. 90वें जन्म दिन से पहले भी कई कार्यक्रम हुए हैं. इससे पहले दलाई लामा ने कहा था कि इस वक्त जैसी उनकी सेहत है उससे लगता है कि वह 110 साल तक जी सकते हैं.

"130 साल जिएंगे"

शनिवार को भारत के धर्मशाला में दलाई लामा ने वहां मौजूद हजारों अनुयायियों से कहा, "मैं बौद्ध धर्म और तिब्बत की अब तक सेवा कर सका मुझे 130 साल से ज्यादा की उम्र तक जीने की उम्मीद है."

1959 में तिब्बत में चीनी शासन के खिलाफ नाकाम विद्रोह के बाद गुपचुप तरीके से भाग कर आने के बाद से ही दलाई लामा भारत के धर्मशाला में रह रहे हैं. कई दशकों से उन्होंने चीन में तिब्बत के और अधिक स्वायत्तता पाने की इच्छाओं को जिंदा रखा है. तिब्बत से निकलने के करीब सात दशक बाद भी उन्होंने तिब्बत और दुनिया भर में मौजूद तिब्बती लोगों को एकजुट करने में भी सफलता पाई है.

बुधवार को दलाई लामा ने कहा कि वह पुनर्जन्म लेना चाहते हैं. इससे उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी का फैसला होगा. बीते पांच सौ से ज्यादा वर्षों से तिब्बत में यही परंपरा है. तिब्बती बौद्ध मानते हैं कि दलाई लामा यह चुनाव कर सकते हैं कि उन्हें अगले जन्म किस शरीर में जन्म लेना है. इस घोषणा के साथ ही उन अटकलों पर विराम लग गया जो उनके यह कहने के साथ शुरू हुई थीं कि वह इस भूमिका को निभाने वाले शायद आखिरी व्यक्ति होंगे.

तिब्बत के अहिंसक प्रतिरोध का चेहरा रहे दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला है. उनका यह भी कहना है कि तिबब्ती बौद्धों के आध्यात्मिक गुरू यानी अगले दलाई लामा की खोज और पुष्टि पुराने बौद्ध रिवाजों से होगी. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उनका कार्यालय इस खोज का नेतृत्व करेगा. इससे पहले वह कह चुके हैं कि उनका उत्तराधिकारी चीन से बाहर "आजाद दुनिया" में जन्म लेगा.

चीन के लिए "अलगाववादी"

चीन दलाई लामा को एक अलगाववादी मानता है और उसका कहना है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी की पुष्टि का अधिकार सिर्फ चीन को है. चीन का यह भी कहना है कि उसकी सहमति के बगैर चुने गए किसी उत्तराधिकारी को वह मान्यता नहीं देगा. चीन तिब्बत के इलाके में बड़ी तेजी से सैन्य ठिकाने बना रहा है. इसके साथ ही वहां बुनियादी ढांचे के विकास पर भी काफी पैसा खर्च किया जा रहा है.

तिब्बती बौद्ध फुंत्स्को सेरिंग धर्मशाला में रहते हैं. उनका कहना है कि दलाई लामा का ताजा बयान चीन के उनके उत्तराधिकारी की पहचान करने की कोशिशों को ध्वस्त करने के लिए है. सेरिंग ने कहा, "वे चीन को यह संकेत देने की कोशिश कर रहे हैं कि उसे पुनर्जन्म की प्रक्रिया में दखल नहीं देना चाहिए."

इस बीच धर्मशाला में निर्वासित जीवन जी रहे 20,000 से ज्यादा तिब्बतियों ने पोस्टर, बिलबोर्ड लगा कर पूरे शहर को दलाई लामा के रंग में रंग दिया है. दलाई लामा के जन्म दिन पर दसियों हजार लोग धर्मशाला पहुंच रहे हैं. इनमें अलग अलग बौद्ध धर्म की शाखाओं के प्रतिनिधियों के साथ ही दुनिया भर से उनके अनुयायी भी इस मौके पर धर्मशाला में होंगे.

दलाई लामा की लंबी उम्र की कामना

अमेरिकी नागरिक बारबरा वाइबेल 30 सालों से बौद्ध धर्म का पालन कर रही हैं. उनका कहा है कि  उन्हें, "इस मौके पर यहां आना ही था. मैं इस दीर्घ जीवन के उत्सव को जितना अधिक संभव है उतना लंबा रखना चाहती हूं."

ढोल और दुदंभियों के संगीत के बीच भारत में ऊंचे पर्वत पर बने मंदिर में बीते कई दिनों से दलाई लामा की लंबी उम्र के लिए प्रार्थनाएं हो रही हैं. वर्तमान दलाई लामा को 14वां अवतार माना जाता है. कत्थई लिबास में दलाई लामा की सेहत ठीक लग रही है. अकसर इन प्रार्थना सभाओं में दलाई लामा खुद भी मौजूद होते हैं.

करिश्माई बौद्ध नेता ने पहले कहा था कि यह संघ लोगों की इच्छा से ही जारी रह सकता है. बुधवार को उनके पुनर्जन्म की बात कहने से दुनिया भर में उनके अनुयायियों को भरोसा मिला है. दलाई लामा ने कहा कि उन्हें तिब्बत और निर्वासन में रहने वाले तिब्बती लोगों के अलावा हिमालयी क्षेत्र, मंगोलिया और रूस और चीन के कुछ हिस्से में रहने वाले बौद्ध लोगों से ढेर सारी अपीलें मिली हैं. उनका कनहा है कि 15वें दलाई लामा की पहचान और पुष्टि करने की जिम्मेदारी "पूरी तरह से सिर्फ उनके" कार्यालय यानी भारत में स्थित गादेन फोद्रांग ट्रस्ट की होगी. (dw.comhi)


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