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रमज़ान के महीने में सऊदी अरब के इस क़दम की इतनी चर्चा क्यों
04-Apr-2023 12:22 PM
रमज़ान के महीने में सऊदी अरब के इस क़दम की इतनी चर्चा क्यों

सऊदी, 4 अप्रैल । सऊदी अरब ने एक व्यक्ति को रमज़ान के महीने में सज़ा-ए-मौत दी है. एक मानवाधिकार समूह का कहना है कि ऐसा सालों में पहली बार हुआ है.

समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार, सऊदी अरब की आधिकारिक प्रेस एजेंसी एसपीए के मुताबिक़ 28 मार्च को शख़्स को मौत की सज़ा दी गई है. यानी रमज़ान का महीना शुरू होने के पांच दिन बाद. ये घटना मदीने की है जो इस्लाम में दूसरी सबसे पवित्र जगह मानी जाती है.

जर्मनी स्थित यूरोपीय सऊदी ऑर्गेनाइजेशन फ़ोर ह्यूमन राइट्स

(ईएसओएचआर) ने एक बयान जारी कर कहा है, “सऊदी अरब ने एक नागरिक को रमजान के महीने में मौत की सज़ा दी है. ”

सऊदी गृह मंत्रालय के सज़ा-ए-मौत के आंकड़ों का हवाला देते हुए, समूह ने कहा कि राज्य में 2009 के बाद से " रमज़ान के दौरान कोई सज़ा नहीं दी गई थी."

ईएसओएचआर ने कहा है कि रमज़ान में दी गई इस सज़ा को मिला दें तो इस साल 17 लोगों को सऊदी अरब में मौत की सज़ा दी गई है.

समाचार एजेंसी एएफ़पी के आंकड़ों के मुताबिक़ सऊदी अरब ने 2022 में 147 लोगों को मौत की सज़ा दी थी वहीं 2021 के 69 लोगों को मौत की सज़ा दी गई थी.

इस साल की शुरुआत में ब्रिटिश संस्था रेप्रीव और ईएसओएचआर की प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में किंग सलमान के सत्ता संभालने के बाद से 1,000 से अधिक लोगों को मौत की सज़ा दी जा चुकी है.

मार्च 2022 में क्राउन प्रिंस सलमान ने अटलांटिक मैगज़ीन को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि "सऊदी अरब में मौत की सज़ा लगभग ख़त्म कर दी गई है. ये सज़ा तब दी जाती है जब कोई शख्स कई लोगों की जान के लिए ख़तरा बन जाए."
(bbc.com/hindi)


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