अंतरराष्ट्रीय

सऊदी अरब और ईरान के बीच कूटनीतिक संबंध बहाल करने के फ़ैसले का पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र ने स्वागत किया है.
चीन में हुई वार्ता के बाद सऊदी अरब और ईरान सात साल बाद कूटनीतिक संबंधों की बहाली पर सहमत होने की घोषणा की है.
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ये कूटनीतिक पहल क्षेत्रिय शांति और स्थिरता को बढ़ाने में सहयोग करेगी.
पाकिस्तान ने बयान में चीन की तारीफ़ करते हुए लिखा है, "इस ऐतिहासिक समझौते में चीन के दूरदर्शी नेतृत्व की ओर से निभाई गई भूमिका की सराहना करते हैं जो सकारात्मक जुड़ाव और सार्थक संवाद की शक्ति को दिखाता है. हम इस बहुत ही सकारात्मक गतिविधि के लिए सऊदी अरब साम्राज्य और ईरान के इस्लामी गणराज्य के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हैं."
पाकिस्तान ने कहा है कि वो मध्यपूर्व क्षेत्र में सकारात्मक भूमिका निभाना जारी रखेगा और ये पहल बाक़ी क्षेत्रों में सहयोग और समृद्धि का उदाहरण बनेगी.
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी ईरान और सऊदी अरब के बीच कूटनीतिक रिश्ते बहाल किए जाने के निर्णय का स्वागत किया है.
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा है कि खाड़ी क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए पड़ोसी मुल्क़ों के बीच अच्छे संबंध ज़रूरी हैं.
ईरान और सऊदी अरब के रिश्तों में साल 2016 में उस वक्त खटास आई थी जब एक शिया को सऊदी में फांसी की सज़ा दी गई. इसके बाद ईरान में सऊदी के दूतावास में हमला हुआ था और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध टूट गए थे.
इसराइल के पूर्व पीएम क्या बोले
इस फ़ैसले को लेकर इसराइल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने नेतन्याहू सरकार को निशाने पर लिया है. साथ ही उन्होंने इस फ़ैसले को इसराइल के लिए ख़तरनाक बताया है.
इस फ़ैसले को लेकर इसराइल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने नेतन्याहू सरकार को निशाने पर लिया है. साथ ही उन्होंने इस फ़ैसले को इसराइल के लिए ख़तरनाक बताया है.
उन्होंने इस बदलाव को प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू की सरकार की नाकामी करार दिया है. (bbc.com/hindi)