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AFGHAN GOVT.
अफ़ग़ानिस्तान ने तालिबान के ख़िलाफ़ पाकिस्तान से मदद की गुहार लगाई है. अख़बार जंग के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ़ अतमर ने पाकिस्तान के एक निजी न्यूज़ चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि तालिबान को रोकने में पाकिस्तान उनकी मदद करेगा.
उनका कहना था कि इस वक़्त अल-क़ायदा, तहरीके तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और दूसरे समूह तालिबान के साथ मिलकर अफ़ग़ानिस्तान सरकार के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सारे दहशतगर्द एक जैसे होते हैं, कोई अच्छा-बुरा नहीं होता है.
उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि वो तालिबान को बातचीत के लिए तैयार करने में अफ़ग़ानिस्तान की मदद करे.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में स्थायी शांति बहाल करना अफ़ग़ानिस्तानी नेतृत्व और क्षेत्रीय तथा वैश्विक शक्तियों की सामूहिक ज़िम्मेदारी है.
उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से फ़ोन पर बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में शांति बहाली के मामले में पाकिस्तान और अमेरिका की सोच एक जैसी है.
क़ुरैशी ने कहा कि इतिहास से सबक़ सीखकर पाकिस्तान आगे की रणनीति बना रहा है.
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तान का कोई 'फ़ेवरेट' नहीं है.
क़ुरैशी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वो तालिबान के शीर्ष नेतृत्व, अफ़ग़ानिस्तान सरकार और उत्तरी गठबंधन (नॉर्दर्न अलायंस) के नेताओं के संपर्क में हैं.
क़ुरैशी ने कहा कि उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ़ अतमर को पाकिस्तान आने की दावत दी है.
उधर पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ़ ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में हालात बहुत ख़राब हैं और पाकिस्तान के क़ाबू से बाहर हैं. (bbc.com)