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क्वांटम क्रांति के मुहाने पर पहुंच गया है जर्मनी
17-Jun-2021 4:45 PM
क्वांटम क्रांति के मुहाने पर पहुंच गया है जर्मनी

जर्मनी की छवि भले ही एक औद्योगिक शक्ति की है, लेकिन जहां तक क्वांटम कंप्यूटिंग का सवाल है, यूरोप की यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बाकियों से पीछे रह गई है. लेकिन अब एक नया कंप्यूटर हालात बदल सकता है.

  डॉयचे वैले पर कृस्टी प्लाडसन की रिपोर्ट

जर्मनी नए क्वांटम युग के मुहाने पर खड़ा है. जर्मनी क्वांटम कंप्यूटिंग में चीन और अमेरिका जैसी औद्योगिक ताकतों से मुकाबला करना चाहता है. और जिसके पास भी जितनी आधुनिक क्वांटम कंप्यूटिंग तकनीक है, वह उतना ही ज्यादा ताकतवर है. इसलिए जर्मनी अब इस ओर विशेष ध्यान दे रहा है. इस हफ्ते म्यूनिख स्थित फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट और अमेरिकी कंपनी आईबीएम ने क्वांटम कंप्यूटिंग में मिलकर काम करने का ऐलान किया है, आईबीएस के नए क्वांटम सिस्टम वन कंप्यूटर के इर्द-गिर्द केंद्रित होगा. यह दुनिया का सबसे ताकतवर कंप्यूटर है.

क्यों चाहिए क्वांटम कंप्यूटर
चीन और अमेरिका के पास क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में जर्मनी से कहीं ज्यादा पेटेंट हैं. और ऐसा तब है जबकि जर्मनी में रिसर्च पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है, जिसके बारे में दुनिया को ज्यादा नहीं पता है. हनोवर की लाइबनित्स यूनिवर्सिटी में क्वांटम फिजिक्स के प्रोफेसर क्रिस्टियान ऑस्पेलकाउस कहते हैं, "मैं कहूंगा कि अब तक हम राडार की पकड़ में आए बिना ही उड़ते रहे हैं. इसकी वजह है कि इस क्षेत्र में मिलने वाली वित्तीय मदद को अक्सर अलग तरह के तकनीकी नाम दिए जाते रहे हैं. यानी हमने यह कभी नहीं कहा कि हम एक क्वांटम कंप्यूटर बना रहे हैं. बल्कि हमने कहा, हम ऐसी अवस्था का अध्ययन कर रहे हैं जिसमें 20 आयन हैं.”

अब QUTAC और आईबीएम क्वांटम सिस्टम वन मिलकर इस विशेषज्ञता को खुले में ला रहे हैं. प्रोफेसर क्रिस्टियान ऑस्पेलकाउस कहते हैं कि क्वांटम कंप्यूटर बनाने से जुड़े हर क्षेत्र में जर्मनी काफी समय से मजबूत रहा है, अब तो बस हम उसे बना रहे हैं. वह कहते हैं, "जर्मनी में हमें अपने कल-पुर्जे चाहिए, जो हम खुद बनाएं ना कि कहीं और से किसी और के बनाए पुर्जे खरीदें.”

क्या है क्वांटम कंप्यूटर?
आम कंप्यूटर बाइनरी गणना करते हैं, यानी एक बार जीरो अगली बार एक. लेकिन क्वांटम कंप्यूटर जीरो और एक दोनों को एक साथ गणना में रखते हैं. जैसे आम कंप्यूटिंग में ईकाई को बिट कहते हैं, यहां क्वीबिट कहा जाता है. क्वीबिट्स में होने वाली गणना कहीं ज्यादा तेज होती है. मौजूदा सुपर कंप्यटूर से भी कहीं ज्यादा तेज.

ऑस्पेलकाउस कहते हैं कि फिलहाल क्वांटम कंप्यूटर आम कंप्यूटरों से ज्यादा काम तो करने लगे हैं लेकिन अभी ऐसा नहीं है कि यह ज्यादा काम बहुत बड़ी भूमिका निभा पा रहा हो. यूं समझिए कि वैज्ञानिक ऐसी समस्याएं बना रहे हैं जो आम कंप्यूटर हल नहीं कर सकते. फिर उन्हें क्वांटम कंप्यूटर से हल कराया जाता है. ऑस्पेलकाउस बताते हैं, "लेकिन ये समस्याएं इतनी महत्वपूर्ण नहीं हैं.”

हालांकि वह यह भी जोड़ते हैं कि अब स्थिति बदल रही है और क्वांटम कंप्यूटर फायदेमंद नतीजे देने लगे हैं.

उद्योगों का क्या फायदा?
जर्मन उद्योग क्वांटम कंप्यूटर्स के फायदों में कई साल से दिलचस्पी दिखा रहे हैं. QUTAC का हिस्सा कई कंपनियों ने क्वांटम विशेषज्ञों को अपने यहां नौकरी पर रखा हुआ है. और ये विशेषज्ञ लगातार अहम होते जा रहे हैं. जैसे कि कार कंपनी फॉक्सवॉगन एक ऐसा क्वांटम विशेषज्ञ ढूंढ रही थी जो कार बनाने में क्वांटम तकनीक के फायदे खोज सके. अन्य कार कंपनी बीएमडब्ल्यू का एक वीडियो बताता है कि क्वांटम कंप्यूटर ने उनके रोबोट को कार में सीलिंग मैटिरियल लगाने के ज्यादा सक्षम तरीके बताए, जिससे कंपनी को वक्त और धन की काफी बचत हुई.

क्वांटम कंप्यूटर बता सकते हैं कि सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के सबसे सस्ते और छोटे रास्ते कौन से हो सकते हैं. वे मशीनों की जानकारी बढ़ा सकते हैं. कंप्यूटरों को भाषाएं या बोलता हुआ इंसान क्या कह रहा है यह समझने में मदद कर सकते हैं. कई विशेषज्ञ कहते हैं कि एनक्रिप्टेड यानी छिपे हुए संदेश हल करने में क्वांटम कंप्यूटर काफी सफल रहे हैं. हालांकि इस तकनीक के इस्तेमाल को लेकर विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है.

प्रतिष्ठित फ्राउनहोफर संस्थान के पास अब अपना एक क्वांटम कंप्यूटर होगा, जिस पर परीक्षण किए जा सकेंगे. QUTAC और उसके बाहर की कंपनियां, या कोई भी इंस्टीट्यूट के साथ समझौता करके अपने प्रयोग कर सकता है और इस तकनीक को समझ सकता है.

अपनी वेबसाइट पर QUTAC ने कहा है कि उद्योगों में क्वांटम कंप्यूटर किस तरह मदद कर सकते हैं, इस क्षेत्र में काम शुरू किये जाने की योजना है. (dw.com)
 


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