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इस्लामाबाद, 9 जून| उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में बुधवार को बंदूकधारियों ने पोलियो वैक्सीन कर्मियों की टीम की सुरक्षा कर रहे दो पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी। डीपीए ने बताया कि हमला रूढ़िवादी और अस्थिर प्रांत खैबर-पख्तूनख्वा के मरदान जिले में हुआ।
पुलिस अधिकारी जुम्मा गुल ने डीपीए को बताया कि हमले में स्वास्थ्यकर्मी बाल-बाल बच गए।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अभी भी प्रचलित पोलियो के खात्मे के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र द्वारा वित्त पोषित अभियान के हिस्से के रूप में पाकिस्तान पांच दिनों के टीकाकरण अभियान चल रहा है।
यह अभियान 5 साल से कम उम्र के 3 करोड़ से अधिक बच्चों को लक्षित कर रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "हम स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं और अभियान को जारी रखने के लिए स्थिति का आकलन कर रहे हैं।"
स्वास्थ्य वर्कर, युवा महिलाएं और पुलिस गार्ड साल में कई बार पांच साल की उम्र तक के बच्चों का टीकाकरण करने के लिए देशभर में घर-घर जाते हैं।
अलकायदा से जुड़े आतंकवादी अक्सर स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करते हैं। इससे पहले तालिबान आतंकवादियों ने दर्जनों वैक्सीन संचालकों और सुरक्षा अधिकारियों को मार डाला था।
उग्रवादियों ने स्वास्थ्यकर्मियों पर जासूसी का काम करने का आरोप लगाया और दावा किया कि पोलियो वैक्सीन का उद्देश्य मुस्लिम बच्चों को रोगहीन बनाना है।
पाकिस्तान ने 1994 में एक पोलियो कार्यक्रम शुरू किया और पोलियो को खत्म करने के बहुत करीब पहुंच गया, लेकिन 2019 में वैक्सीन के बहिष्कार और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर हमलों के बीच 147 मामले दर्ज किए गए, जो पांच साल में सबसे ज्यादा है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक पोलियो का एक ही मामला सामने आया है। (आईएएनएस)