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चीन में छात्रों ने प्रिंसिपल को बंधक बनाया, पुलिस 'कार्रवाई' में कई घायल
09-Jun-2021 6:25 PM
चीन में छात्रों ने प्रिंसिपल को बंधक बनाया, पुलिस 'कार्रवाई' में कई घायल

इमेज स्रोत,CHINESE SOCIAL MEDIA, छात्रों ने प्रिंसिपल को 30 घंटे से ज़्यादा समय तक बंधक बनाए रखा


चीन में एक कॉलेज के छात्रों ने अपने प्रिंसिपल को बंधक बनाने की एक घटना हुई है. पुलिस का कहना है कि उन्हें ये डर था कि उनकी डिग्री को कमतर किया जा सकता है और इसलिए वो विरोध कर रहे थे.

ये घटना जियांग्सु प्रांत में हुई जहाँ एक कॉलेज को एक एक अन्य वोकेशनल संस्थान के साथ विलय किए जाने की योजना पर विचार चल रहा जिसे कम प्रतिष्ठित माना जाता है.

बताया जा रहा है स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा और कथित तौर पर लाठियों और पेपर स्प्रे के इस्तेमाल से कई छात्र घायल हो गए.

चीन में इस तरह के विरोध कम ही होते हैं. वहाँ इस तरह इकट्ठा होकर कोई प्रदर्शन करने के प्रयासों पर प्रशासन की पैनी नज़र रहती है.

स्थानीय पुलिस ने मंगलवाल को एक बयान जारी कर इस घटना के बारे में बताया कि जियांग्सु प्रांत की नानजिंग नॉर्मल यूनिवर्सिटी के ज़ोंगबेइ कॉलेज में छात्र रविवार को जमा हुए और 55 वर्षीय प्रिंसिपल को कैंपस में ही 30 से भी ज़्यादा घंटे तक बंधक बनाए रखा.

पुलिस के अनुसार छात्रों ने गालियाँ दीं और क़ानून पालन करवाने आए लोगों का रास्ता रोका, और अधिकारियों के ये घोषणा करने के बाद भी कि ये योजना स्थगित की जाती है, उन्होंने प्रिंसिपल को नहीं जाने दिया.

सोशल मीडिया पर कैम्पेन पर रोक
सोशल मीडिया पर इस घटना की तस्वीरें पोस्ट की गई हैं जिनमें पुलिस छात्रों को लाठियों से पीटती और उनपर पेपर स्प्रे (मिर्च पाउडर) करती दिखाई दे रही है.

समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार एक महिला छात्रा के सिर से ख़ून भी बह रहा था.

पुलिस ने बयान के अनुसार कैम्पस में यथास्थिति बहाल करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने क़ानून के हिसाब से आवश्यक कार्रवाई की, और घायलों को फ़ौरन अस्पताल भेज दिया गया.

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सोशल मीडिया पर पुलिस कार्रवाई को लेकर एक कैम्पेन भी चलाया गया मगर बताया जा रहा है कि इससे जुड़े हैशटैग को मंगलवार दोपहर को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म वीबो पर ब्लॉक कर दिया गया.

लेकिन ट्विटर पर एक वीडियो दिखता है जिसमें हज़ारों नारे लगाते छात्रों को पुलिस ने घेरा हुआ है, और पुलिस उनकी ओर दौड़ती है तथा भीड़ से लोगों को अलग निकालकर खींचती है.

चीन के स्वतंत्र कॉलेज और यूनिवर्सिटी
जियांग्सु प्रांत के सभी छह कॉलेजों ने इस घटना के बाद कहा है कि वो मार्च में घोषित विलय की योजनाओं को स्थगित कर रहे हैं.

जियांग्सु शिक्षा विभाग ने कहा है कि ये फ़ैसला शिक्षा मंत्रालय के एक निर्देश की वजह से लिया गया था जिसमें कहा गया था कि स्वतंत्र कॉलेजों को वोकेशनल संस्थाओं में बदल दिया जाए.

इस घोषणा के बाद प्रातं के चार अन्य कॉलेजों में भी हाल के दिनों में प्रदर्शन हुए. चीन की सत्ताधारी पार्टी से संबद्ध अख़बार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार कुछ घटनाओं में "शारीरिक संघर्ष" भी हुआ.

चीन के स्वतंत्र कॉलेजों को यूनिवर्सिटी के अलावा सामाजिक संस्थाओं या व्यक्तियों से फ़ंड मिलता है. ऐसे छात्र जिन्हें नंबरों की वजह से यूनिवर्सिटी में दाख़िला नहीं मिल पाता, वो इन स्वतंत्र कॉलेजों में पढ़ाई के लिए आवेदन कर सकते हैं.

यहाँ से भी उन्हें यूनिवर्सिटी की डिग्री मिल जाती है, मगर ट्यूशन फ़ीस ज़्यादा चुकानी पड़ती है. चीन में पढ़ाई और नौकरियों को लेकर ज़बरदस्त प्रतियोगिता रहती है. वहाँ इस वर्ष यूनिवर्सिटी से रिकॉर्ड 90 लाख छात्र ग्रेजुएट की डिग्री हासिल करेंगे. (bbc.com)


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