गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 20 मई। नवापारा नगर की बेटियों ने पिता के निधन पर उन्होंने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया बल्कि मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज भी निभाया। पहले सिर्फ बेटा ही अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दे सकता था। बेटियां चिता को मुखाग्नि नहीं दे सकतीं। इस रूढि़वादी सामाजिक सोच से ऊपर उठकर बेटियों अदिति, मुस्कान और श्रुति ने रविवार को अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। बेटियों ने जब अंतिम संस्कार किया तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं।
नवापारा नगर के स्थानीय दिगंबर जैन समाज के के सुश्रावक संजय राजू जैन का लंबी बीमारी के बाद रविवार 18 मई को दोपहर 12.30 बजे निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार स्थानीय मुक्तिधाम में दोपहर 3.30 बजे किया गया। संजय राजू जैन की तीन बेटियां अदिति, मुस्कान और श्रुति हैं। पिता की अंतिम इच्छा थी कि उनकी बेटियां उनका अंतिम संस्कार करें। पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए तीनों बेटियों ने पूरे रीति-रिवाज के साथ अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। बेटियों ने दिल को कठोर करके सभी रस्में पूरी कीं। बेटियों ने कहा कि उनके पिता ने उन्हें अपना बेटा माना। आज उन्होंने अपना हक पूरा किया।