गरियाबंद

राजिम कुंभ कल्प के मंच पर भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा ने बांधा समा
26-Feb-2025 3:27 PM
राजिम कुंभ कल्प के मंच पर भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा ने बांधा समा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 26 फरवरी । 12 फरवरी से प्रारंभ हुए राजिम कुंभ कल्प मेला के 13वें दिन मुख्य मंच पर प्रसिद्ध भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा ने श्याम, शिव और  माता के भजनों से ऐसा समां बांधा कि श्याम जी और हर-हर महादेव के जयकारों से सारा वातावरण गुंजायमान हो उठा।

उन्होंने अपने पसंदीदा माता के भजन प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी... की प्रस्तुति से माहौल को भक्तिमय कर दिया और पंडाल में बैठे दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक सुपरहिट भजन गाए जिन पर श्रोता देर रात तक झूमते रहे। प्यारा सजा है, तेरा द्वार भवानी..., लक्खा को मां तेरा सहारा..., भोला शिव हर-हर भोला..., राम जी से कह देना जय सिया राम..., बांके बिहारी लाल गोपाल..., मन रखियो चरण में..., अरे द्वार पालो..., श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में..., मुझे काल से डर नही लगता, महाकाल मेरे रखवाले है..., जैसे भजनों को सुनकर दर्शक भी गदगद हो गए। गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने भी कार्यक्रम का आनंद लिया।

मुख्य मंच पर सांस्कृतिक की छटा बिखेरने 11 साल की बालिका राधिका शर्मा ने शिव की शक्ति एवं भक्ति पर आधारित शानदार कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी, जिसे देकर दर्शक भी अचंभित रह गए। इसी मंच पर 10 साल की बालिका भूमि सूता का ओडि़सा नृत्य की प्रस्तुति देकर ओडिशा की संस्कृति एवं वेश-भूषा का परिचय कराया।

मंच पर कृष्ण कुमार पाटिल ने सुगम संगीत की प्रस्तुति दी। जिसमें संत पवन दीवान के रचित रचना कण-कण में आतुर होता है.... जिनका लेकर पावन नाम.... इस गीत को सुनकर दर्शकों ने तालियों के साथ संत पवन दीवान को स्मरण किया। कृष्ण कुमार ने बासी, चटनी खावईया छत्तीसगढिय़ॉ आवन गा.... गीत की शानदार प्रस्तुति दी।

 लोक कलामंच के आस्था भट्ट ने छत्तीसगढ़ राज्य की राजगीत अरपा पैरी के धार, महानदी है अपार..., संगी रे झूलना झूलाबे आमा के डार मा..., कोसा के साडी...,  जैसे छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को बांधे रखा। कलाकारों का सम्मान प्रतीक चिन्ह और राजकीय गमछे से किया गया।


अन्य पोस्ट