दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 11 जुलाई। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2020-21 की सेमेस्टर परीक्षाओं के 60 में से 55 परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए गए है। शेष बचे 5 परीक्षा परिणाम 15 जुलाई के पूर्व घोषित कर दिए जाने की आशा है।
यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सी.एल. देवांगन ने बताया कि सेमेस्टर परीक्षाओं के साथ-साथ वार्षिक परीक्षाओं के मूल्यांकन का कार्य भी जारी है। सेमेस्टर परीक्षा के परिणामों के समाप्त होते ही वार्षिक परीक्षा के स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के अंतिम वर्ष के परिणाम पहले घोषित करने का विश्वविद्यालय प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है।
जुलाई के अंत तक वार्षिक परीक्षाओं के लगभग 50-60 प्रतिशत परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। डॉ. देवांगन तथा परीक्षा उपकुलसचिव डॉ. राजमणि पटेल ने बताया कि नए जारी परिणामों में एम.कॉम प्रथम सेमेस्टर में 98.63 प्रतिशत, एम.एड. प्रथम सेमेस्टर में 93 प्रतिशत तथा एमएससी बायोटेक्नॉलाजी- प्रथम सेमेस्टर में 98.60 प्रतिशत विद्यार्थी सफल घोषित किए गए हैं।
डॉ. देवांगन ने जानकारी दी कि स्नातकोत्तर कक्षाओं की द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर तथा स्नातक कक्षाओं की सेमेस्टर परीक्षाएं अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में आयोजित होने की आशा है। परीक्षाओं की वास्तविक तिथि एवं समय सारिणी विश्वविद्यालय शीघ्र जारी करेगा। सभी महाविद्यालय के प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि वे सेमेस्टर की समस्त कक्षाओं के पाठ्यक्रम को निर्धारित समयावधि में ऑनलाइन रूप से कोरोना का पालन करते हुए पूर्ण करवायें।
डॉ. देवांगन ने समस्त विद्यार्थियों से अपील की है कि परीक्षा शुल्क संबंधी वे किसी भी प्रकार के भ्रामक समाचारों से प्रभावित न हों। महाविद्यालयों में प्रवेश, परीक्षा, खेलकूद, सांस्कृतिक आदि सभी प्रकार के शिक्षण शुल्कों का निर्धारण छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार की कटौती, शुल्क वृद्धि अथवा शुल्क वापसी का अधिकार विश्वविद्यालय प्रशासन को नहीं है। परीक्षा आरंभ होने के लगभग 2 माह पूर्व से परीक्षा संबंधी सम्पूर्ण तैयारी कराने में विश्वविद्यालय को बड़ी राशि व्यय करनी होती है। वर्तमान में भी सेमेस्टर तथा वार्षिक परीक्षाओं के मूल्यांकन कराने तथा उत्तरपुस्तिकाओं को विभिन्न महाविद्यालयों से विश्वविद्यालय तक लाने में प्रतिदिन विश्वविद्यालय द्वारा लाखों रुपये का भुगतान मूल्यांकनकर्ता प्राध्यापकों तथा वाहनों के रखरखाव एवं डीजल हेतु किया जा रहा है।