दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 22 सितंबर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देश में जिला न्यायालय एवं तहसील व्यवहार न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार को किया गया। इसमें जिला न्यायालय दुर्ग कुटुंब न्यायालय दुर्ग, व्यवहार न्यायालय भिलाई तीन, व्यवहार न्यायालय पाटन, व्यवहार न्यायालय धमधा , किशोर न्याय बोर्ड, श्रम न्यायालय, स्थाई लोक अदालत, राजस्व न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम दुर्ग में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया था। इस नेशनल लोक अदालत में कुल 8333 न्यायालयीन प्रकरण तथा कुल 1,24,829 प्री लिटिगेशन प्रकरण निराकृत हुए, जिसमें कुल समझौता राशि 30,41,81,959 रही। लंबित निराकृत हुए प्रकरण में 526 दांडिक प्रकरण, क्लेम के 70 प्रकरण, पारिवारिक मामले के 103, चेक अनादरण के 382 मामले, व्यवहारवाद के 58 मामले, श्रम न्यायालय के 17 मामले तथा स्थाई लोक अदालत के कुल 1056 मामले निराकरण हुए।
इस वर्ष के तृतीय नेशनल लोक अदालत के आयोजन का शुभारंभ जिला न्यायाधीश दुर्ग डॉक्टर प्रज्ञा पचौरी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। शुभारंभ कार्यक्रम में श्रीमती गिरिजा देवी मेरावी प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय दुर्ग, जिला अधिवक्ता संघ के सचिव रवि शंकर सिंह सहित अन्य पदाधिकारी, न्यायाधीश गण अधिवक्ता गण मौजूद थे। नेशनल लोक अदालत में कुल 34 खंडपीठ का गठन किया गया था। परिवार न्यायालय दुर्ग के लिए तीन खंडपीठ, जिला न्यायालय दुर्ग के लिए 26, तहसील न्यायालय भिलाई तीन में एक खंडपीठ, तहसील पाटन के लिए एक खंडपीठ, तहसील न्यायालय धमधा में एक खंडपीठ, किशोर न्याय बोर्ड के लिए एक खंडपीठ, तथा स्थाई लोक अदालत दुर्ग के लिए एक खंडपीठ का गठन किया गया था। इसके अतिरिक्त राजस्व न्यायालय में भी प्रकरण का निराकरण करने खंडपीठ का गठन किया गया था।
खंडपीठ क्रमांक 13 के पीठासीन अधिकारी विवेक नेताम न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के न्यायालय में एक प्रकरण का निराकरण 11,600 किलोमीटर दूर कनाडा में निवास करने वाले व्यक्ति का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से धोखाधड़ी के मामले का निराकरण किया गया। प्रार्थी संजीव सक्सेना एवं अन्य 12 पीडि़तों ने आरोपी रूपेश कुमार गुप्ता के विरुद्ध धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी विवेक नेताम के समक्ष आरोपी रूपेश कुमार गुप्ता के विरुद्ध अभियोग पत्र पेश किया गया था। प्रकरण के प्रार्थी एवं अन्य 11 पीडि़त गण आसपास निवासरत होने के कारण न्यायालय में स्वत उपस्थित होकर आरोपी रूपेश कुमार गुप्ता के साथ राजीनामा किया था, परंतु प्रकरण के एक पीडि़त प्रदीप सिंह लोहिया कनाडा में निवास रत होने से वह नेशनल लोक अदालत में स्वत उपस्थित होने में असमर्थ थे। इस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय के समक्ष उपस्थित कराया गया और न्यायालय द्वारा प्रदीप सिंह लोहिया को समझाइश दिये जाने पर मामले का राजीनामा हुआ।