दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 24 अगस्त। पौधरोपण व पेड़ों की सुरक्षा को नि:स्वार्थ पूजा व यज्ञ मानने वाले हितवा संगवारी पेड़ों को राखी बांधकर रक्षाबंधन का उत्सव मनाते हैं ।
क्षेत्र के ग्राम डुंडेरा में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही थी, रोज हजारों पेड़ ठूंठ में तब्दील हो रहे थे, तभी 25 साल पूर्व ग्राम के हितवा संगवारी संस्था ने अपने नाम के अनुरूप इन पेड़ों को बचाने जन आंदोलन शुरू किया। संस्था के द्वारा रैली सभा आदि करके लोगों को पर्यावरण के महत्व के बारे में जागरूक किया गया यही नहीं जिस तरह रक्षाबंधन पर भाई को बहनें रक्षा सूत्र बांधती हैं, उसी प्रकार यहां हितवा संगवारी संस्था के सदस्य व ग्रामीण हर साल रक्षाबंधन के दिन पेड़ों को राखी बांधकर इनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं। साथ ही ग्रामीणों को भी इसकी रक्षा का शपथ दिलाते हैं। यहां पेड़ों को राखी बांधने उत्सव जैसा माहौल रहता है।
गांव के बच्चे युवा महिला पुरुष सभी एक साथ एकत्रित होकर वर्षों से पेड़ों को राखी बांधते आ रहे हैं। हितवा संगवारी के प्रयास से मड़ौदा डैम के पहाड़ी नुमा बंड में लगभग 2 लाख नए पेड़ तैयार हुए हैं, वहीं हितवा संगवारियों ने यहां लगभग साढ़े छ: लाख पेड़ों को कटने से बचा कर रखे हैं, इनमें लगभग 50 हजार ठूंठ में तब्दील हो चुके सागौन के पेड़ों भी पुनर्जीवित हुए हैं। इस प्रकार हितवा संगवारी की मुहिम के फलस्वरूप लगभग साढ़े आठ लाख पेड़ मड़ौदा डेम के आसपास संरक्षित हैं। हितवा संगवारी अपने व अपने परिवार के सदस्यों के जन्मदिन पर हर साल पौध रोपण करते हैं। पितृ पक्ष में पितरों की स्मृति में भी पौधरोपण किया जाता है, वही गांव में किसी व्यक्ति के निधन होने पर उनकी स्मृति में पौधरोपण की भी परंपरा कायम की है।
संस्था के संस्थापक व संयोजक रोमशंकर यादव कहते हैं कि वे पौधरोपण एवं पेड़ों की सुरक्षा को सबसे बड़ा नि:स्वार्थ यज्ञ एवं पूजा मानते हैं उनके द्वारा जन्मदिन ,गृह प्रवेश, शादी व विभिन्न मांगलिक अवसरों पर लोगों को पौधे उपहार स्वरूप भेंट कर उन्हें पौधरोपण के लिए प्रेरित किए जाते हैं। उपहार में इस प्रकार उनके द्वारा भेंट किए गए पौधे अब पेड़ का आकर लेकर अनेक लोगों के आंगन में हरियाली बिखेर रही है।उनके द्वारा पर्यावरण को बचाने पेड़ों के संरक्षण के लिए शुरू किए गए जन आंदोलन के परिणाम स्वरूप पूरे गांव में हरियाली व्याप्त है। हितवा संगवारियों ने बिजली के तार खींचने व सडक़ चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों की कटाई रोकने भी लगातार आंदोलन चला रखे हैं जिसके परिणाम स्वरूप भी बहुत से पेड़ कटने से बचे हैं। उनके इस जन आंदोलन से क्षेत्र के लोगों में भी जागरूकता आई है जिससे अब बहुत से लोग जन्मदिन पर पौधरोपण करने के साथ-साथ पेड़ों के संरक्षण के लिए आगे आ रहे हैं। संस्था जीव जंतु संरक्षण की दिशा में भी काम कर रहा है।
इस दौरान ज्ञानप्रकाश साहू, सरोज साहू ,कविता यादव, हिमशिखा यादव, बी आर मौर्य, मोहन क्षत्रीय ,शिवकली क्षत्रीय, शैल कुमारी यादव, पोषण यादव, प्रियंका साहू डेमिन साहू,अदिती साहू ,शरद यादव, नोहिल यादव, स्वाति साहू आदि मौजूद थे।