धमतरी
कुरुद में बिरसा मुंडा की जयंती मनाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 16 नवंबर। बिरसा मुंडा जयंती 15 नवंबर को सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के बैनर तले प्रदेश स्तरीय जन जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसके तहत आदिवासी अस्मिता, संवैधानिक हक अधिकार और पहचान बनाए रखने के लिए प्रदेश की सभी तहसील कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया।
कुरूद आदिवासी भवन में आयोजित जन जागरूकता अभियान में पदाधिकारीयो ने बताया कि 15 नवंबर को सर्व आदिवासी समाज 16 सूत्रीय मांगों को लेकर सभी तहसील मुख्यालयों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौप 32 प्रतिशत आरक्षण, बैकलॉग भर्ती ,निर्दोष आदिवासियों की हत्या का उचित न्याय, जनजातीय आरक्षित विधानसभा एवं लोकसभा सीटों में वृद्धि ,पांचवी अनुसूची क्षेत्र की सभी सीट आरक्षित हो, ढाई लाख आय सीमा को समाप्त करें, प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती शीघ्र करें ,पेसा का मूल नियम का पालन हो और ग्राम सभा को पूर्ण अधिकार दिया जाए सहित विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा जाएगा।
सर्व आदिवासी समाज के धमतरी जिला अध्यक्ष जीवराखन लाल मरई, कुरूद तहसील अध्यक्ष ललित ठाकुर ने कहा कि भारत में आकर राज करने वाले हुक्मरानों ने यहां के मूलनिवासियों को उनके ही जमीन से बेदखल कर दिया?। 19वीं शताब्दी में झारखंड के युवा ने इसके खिलाफ जमीनी लड़ाई लड़ी, जिसे पूरा भारत भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जानता है। वे अपने क्षेत्र में आजादी की लड़ाई लड़ते हुए अंग्रेजों के गिरफ्त में आ गए और मात्र 25 वर्ष की उम्र में देश के लिए अपनी जान गंवा दीदी। आज उस महान क्रांतिकारी की जयंती पर हमें अपने हक अधिकार के लिए लडऩे की प्रेरणा लेनी चाहिए।
कुरूद तहसील अध्यक्ष देवनाथ नेताम, भूपेंद्र नेताम ने कहा कि हमारा मूल निवासी समाज आज टुकड़ों में बंट गया है, बिरसा मुंडा के आंदोलन को हमें समझने की जरूरत है क्या उनकी लड़ाई अंग्रेजों से थी? जबकि हमारी जमीन जमींदारों के एवं सामाजिक व्यवस्था समाज के ठेकेदारों के पास थी, आज भी हम सामाजिक कुव्यवस्था के शिकार हंै।
इस मौके पर बीएस रावटे, तेजराम छेदैया, बसंत नगारची, श्यामसुंदर ध्रुव, फलेंद्र नेताम, रामायण ध्रुव, संतोष सोरी, बसंत ध्रुव, क्षागेश्वर ध्रुव, कलीराम मरकाम, अशोक दीवान, जागेश्वर कंवर, सावन मांडवी, साधुराम कंवर आदि उपस्थित थे।


