धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 5 अक्टूबर। ग्राम पंचायत मरौद में 3 से 5 अक्टूबर तक मानस दर्शन जीवन अर्पण द्वारा राज्यस्तरीय मानस महोत्सव एवं रामायण मेला के आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए कुरुद विधायक ने बताया कि पंडित रामकिंकर महराज ने सबसे पहले गोस्वामी तुलसीदास कृत अवधी रामायण को हिन्दी भाषा में रुपांतरित कर मानस को घर-घर पहुंचाने का काम किया है। ऐसे महान धर्म विचारक को मैं हृदय से नमन करता हूँ।
कुरुद विधानसभा के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित ग्राम पंचायत मरौद में प्रदेश के संपूर्ण मानस जगत में एक विशिष्ट पहचान रखने वाले मानस दर्शन जीवन अर्पण छत्तीसगढ़ के मार्गदर्शन में 3 अक्टूबर से विराट मानस महोत्सव, संत समागम व रामायण मेला का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय संत स्वामी श्रीमद् ज्योतिर्मयानंद की सपाद लक्षेश्वर धाम सलधा, दीदी मां भक्ति प्रभा जी वृंदावन, दीदी मां मंदाकिनी रामकिंकर जी अयोध्या धाम व अन्य संतों का दिव्य दर्शन, प्रवचन व आशीर्वचन क्षेत्रीय लोगो को प्राप्त हुआ।
शनिवार को बतौर अतिथि शामिल हुए विधायक अजय चन्द्राकर ने बताया कि विवेकानंद आश्रम रायपुर में राजेश्वरानंद महराज की कथा सुनने के बाद ही मेरी रुचि मानस के प्रति बढ़ी है। रामकिंकर महराज ने अपने चिंतन से तुलसीदास कृत अवधी रामायण को हिन्दी भाषा में रुपांतरित कर मानस को घर घर पहुचाने का काम किया है। उन्होंने अपने संबोधन के माध्यम से रामायण में अपनी मजबूत पकड़ का नमूना पेश करते हुए कहा कि त्रेता एवं कलयुग में जमीन आसमान का फर्क आ गया है। प्रभु श्री राम ने पिता के कहने पर एक पल में ही राजपाट छोड़ जंगल को चले गए। लेकिन आज हर जगह संपत्ति और कुर्सी की लड़ाई छिड़ी है। इसकी वजह है हम अपने धर्म ग्रंथों को पढ़ते तो जरूर है लेकिन उसमें लिखी बातों पर अमल नही करते। नहीं तो दुनिया की हर समस्या का हल हमें मानस में मिल सकता है।
इस दौरान मानस के 14 विशेष विभूतियां व समितियां को राष्ट्रीय संतों के करकमलों से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर भाजपा नेता लोकेश्वर सिन्हा, बुधारुराम साहू, हेमराज भार्गव, कामता साहू, थानेश्वर तारक, दीपक गुहा, शंकर भार्गव,भीमराज सार्वा, कुशल साहू,भरत साहू, रामचंद देवांगन, हेमंत ध्रुव, रेखराज ध्रुव,राजकुमार, कोमल साहू, ईश्वर सोनवानी, रामचंद पटेल, रोहित साहू, कमल सिन्हा, बलरामपुरी गोस्वामी, तुलसी पटेल,विजय साहू, तेजुराम सिन्हा, रोहित ध्रुव,पंचराम कुर्रे,प्यारेलाल साहू, झुमुकलाल गुहा,ठाकुरराम साहू,दिनेश ध्रुव,केशव ओझा,दुलार ध्रुव, गणेश साहू ,वेदराम, देवनाथ, तेजू साहू सहित धमतरी, गरियाबंद, रायपुर, दुर्ग, बलौदाबाजार, बेमेतरा आदि जिलों से आये मानस संघों के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद थे।


