धमतरी

छत्तीसगढ़ संवाददाता
धमतरी, 1 मई। अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त होने के कारण इस दिन सैकड़ों शादियां हुई। ज्यादातर बाल विवाह भी इसी दिन होते हैं। टीम ने ऐसे ही एक बाल विवाह रूकवाया है।
मगरलोड के पठार स्थित एक गांव में नाबालिग की शादी तय थी। चार दिन बाद 5 मई को शादी होनी थी। गरियाबंद जिले में लडक़ी विवाह तय हुआ था। पांच मई को गांव में बारात आने वाली थी। शादी का कार्ड भी बंट गया। सूचना मिलते ही महिला बाल विकास विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर विवाह रूकवाया।
लडक़ी की अंकसूची देखी, जिसमें 18 साल पूरा होने में 8 महीने बाकी थी।
यानि लडक़ी की उम्र 17 साल 4 माह थी। परिजनों को समझाइश दी गई और बाल विवाह कराने पर सजा प्रावधान के बारे में बताया गया। लडक़े पक्ष को भी फोन के माध्यम समझाइश दी गई। दोनों पक्ष को कानूनी कार्रवाई की जानकारी दी गई। उन्होंने एक साल के लिए विवाह स्थगित कर दिया और शपथ पत्र व वचन पत्र लिख कर दिए। इस पर परिजनों ने विवाह 18 साल के बाद करने की बात कही।
टीम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक, विधि सह परीवीक्षा अधिकारी प्रमोद अमृत, गैर संस्थागत अधिकारी राजीव गोस्वामी, चाइल्ड लाइन से नेहा देवांगन, पूनम कोराम, देवानंद महामला तथा दुगली थाना से 2 आरक्षक शामिल थे।
पंचायत को मिलेगा प्रमाण पत्र
जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि 30 अप्रैल को बाल विवाह रोका गया है। जिले में बाल विवाह रोकने के लिए 4 टीम गठित की गई है। नगरी, कुरूद, मगरलोड एवं धमतरी में एक-एक टीम है। मगरलोड में एक बाल विवाह रोका गया। उन्होंने बताया कि जिले के जिस पंचायत में पिछले 4 साल में कोई भी बाल विवाह नहीं हुआ होगा, उस ग्राम पंचायत को प्रमाण पत्र सहित सम्मानित किया जाएगा।
इस साल 5 बाल विवाह रोके
साल 2025 में जनवरी से अब तक 5 बाल विवाह रोका गया है। अप्रैल में ही 15 तारीख को एक और बाल विवाह रोका गया था।
इसके पूर्व 3 बाल विवाह रोके गए। अब तक 5 प्रकरण सामने आ चुके हैं। जिले में साल 2016 से अब तक कुल 84 बाल विवाह रोका जा चुका है।