धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 29 अप्रैल। जिले में नक्शा प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन सर्वे सोमवार से शुरू हो गया। यह काम सप्ताहभर में पूरा किया जाएगा। शहर के हर आवास, सडक़ और खाली जमीन का हवाई ड्रोन सर्वे हो रहा है। नगर निगम क्षेत्र के 39 हजार खसरों का सर्वे कर डिजिटल नक्शा बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इससे लोगों को सटीक और ऑनलाइन भूमि रिकॉर्ड मिलेगा। राज्य में पहली बार 3डी इमेज वाली 2डी कैमरा और 4 एम ऑब्लिक एंगल कैमरा युक्त ट्रिनिटी ड्रोन का उपयोग हो रहा है।
प्रतिदिन 5 शेड्यूल में ड्रोन उड़ेगा। कलेक्टर ने इसके लिए क्लस्टर वार योजना बनाई है। सर्वे का काम सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा आरवी इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी लिमिटेड हैदराबाद को सौंपा गया है। नगर निगम क्षेत्र के 40 वार्डों का क्षेत्रफल 23.40 वर्ग किमी है। इसका केएमएल फाइल यानी भौगोलिक डेटा तैयार किया गया है। इसी आधार पर 120 ग्राउंड कंट्रोल प्वाइंट और 2 बेस प्वाइंट तय किए गए हैं। ट्रिनिटी ड्रोन से सर्वे कर अर्थारेक्टिफाईड इमेजिंग तैयार की जाएगी। इसे जिला कार्यालय को भेजा जाएगा। यह जिओरिफ्रेस्ड नक्शा होगा। ओआरआई मैप-1 और मौके पर बने भवनों व परिसंपत्तियों का भौतिक सत्यापन गठित 12 क्लस्टर की टीम करेगी। प्रारंभिक अभिलेख भी तैयार किए जाएंगे। एसओआई से प्राप्त मैप-2 का प्रारंभिक प्रकाशन कर दावा-आपत्ति मंगाई जाएगी। इसके निराकरण के बाद मैप-3 का अंतिम प्रकाशन होगा। फिर दावा-आपत्ति लेकर निराकरण के बाद ऑनलाइन अभिलेख तैयार किया जाएगा।
ऐसे होगा सर्वे का काम
पहला चरण- ड्रोन से हवाई सर्वे किया जाएगा। ड्रोन से फोटो और वीडियो डेटा के रूप में जानकारी संग्रहित होगी। ड्रोन में लगे 2डी नादिर कैमरा और ऑब्लिक एंगल कैमरा से भवनों और अन्य संरचनाओं की अलग-अलग कोणों से फोटोग्राफी होगी। सेंसर कैमरे से पहाड़ी और दुर्गम इलाकों की उन्नत 3डी तकनीक से सटीक फोटोग्राफी की जाएगी। दूसरा चरण- राजस्व विभाग और नगर निगम का अमला हवाई सर्वे के आंकड़ों का जमीन पर भौतिक सत्यापन करेगा। सर्वे में मिली जानकारी को सही ठहराने के लिए टीम मौके पर जाकर जांच करेगी। जमीन की स्थिति, कब्जा और निर्माण की वास्तविकता को परखा जाएगा। इसके बाद ही अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी। तीसरा चरण- यहां लोगों से उनकी संपत्तियों को लेकर दावा-आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों के निराकरण के बाद सभी को उनकी संपत्तियों का अर्बन प्रॉपर्टी कार्ड दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में जो भी डेटा और संपत्ति से जुड़ी जानकारी एकत्र होगी, वह नक्शा पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी।
इतने रकबे का होगा हवाई ड्रोन सर्वे
- गोकुलपुर में 333.67 हेक्टेयर के 4633 खसरा
- बठेना के 201.62 हेक्टेयर के 2413 खसरा
- हटकेशर के 360.65 हेक्टेयर के 3293 खसरा
- सोरिदभाट के 338.72 हेक्टेयर के 3730 खसरा