धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 1 मार्च। धमतरी जिला पंचायत की 13 में से 11 सीट जीतकर भाजपा ने शानदार वापसी की है। अब जिला सरकार की कमान किसके हाथों में सौंपा जाए, इस बात को लेकर पार्टी में मंथन जारी है। रविवार को पार्टी पर्यवेक्षक जिला पंचायत सदस्यों से रायशुमारी करने धमतरी पहुँच रहे हैं। अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव के लिए प्रशासन ने पहले ही अधिसूचना जारी कर दी है। अध्यक्ष के लिए अब तक सिहावा विधानसभा से दो और कुरुद से एक नाम सामने आया है।
ज्ञात हो कि धमतरी जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 9 से चुनाव जीतकर आए रिटायर्ड डीएसपी टीकाराम कंवर जो कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समधी भी हैं। इस लिहाज से उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। लेकिन अध्यक्ष पद अनारक्षित मुक्त होने के कारण आरक्षित वर्ग के किसी व्यक्ति को पद दे देने से पार्टी को बहुसंख्यक आबादी ओबीसी वर्ग की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा विपक्षी पार्टियों पर हमेशा परिवारवाद का आरोप लगा अपनी राजनीति चमकाने वाली भाजपा के समक्ष समधी को आगे करने पर असहज स्थिति निर्मित हो सकती है।
लेकिन इन सब बातों को नजऱअंदाज़ कर राजधानी से इशारा हुआ तो समधी साहब की ताजपोशी को कोई नहीं रोक सकता।
जिले की सभी सीटों में से सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाले भाजपा जिला उपाध्यक्ष गौकरण साहू ने 15455 वोट से जीत दर्ज की है। जिला पंचायत की संरचना में जीती हुई 4 सीटों का योगदान देने वाले कुरुद विधानसभा से एक मात्र गौकरण साहू की दावेदारी को पार्टी हल्के में नहीं ले सकती।
विधायक अजय चन्द्राकर के विश्वासपात्र रहते बूथ अध्यक्ष से लेकर भाजपा जिला संगठन पदाधिकारी तक का सफर तय करने वाले श्री साहू को त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में भी काम करने का खासा अनुभव है।
सिहावा विस से रियल स्टेट और सब्जी उत्पादक संम्पर्ण किसान के रूप में तेजी से भाजपा की राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाले अरुण सार्वा का नाम भी अध्यक्ष बनने के रेस में शामिल है। लेकिन जिला पंचायत टिकट वितरण के समय पैसे लेकर नये लोगों को टिकट देने की बात को लेकर पुराने पार्टी नेताओं ने जिला संगठन के खिलाफ जमकर विरोध दर्ज कराया था।
नाराजगी इस हद तक बढ़ी कि नगरी के भाजपा कार्यालय में तोड़ फोड़ और आगजनी तक की घटना सामने आई थी। जिसे प्रदेश संगठन ने तब बड़ी गंभीरता से लिया था। क्षेत्रीय नेताओं के प्रतिकूल मिज़ाज और राजनीतिक अनुभव की कमी उनके मार्ग में बाधक बन सकता है। बताया गया है कि 2 मार्च को पार्टी पर्वेक्षक नव निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों की बैठक लेकर अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनने वाले प्रत्याशियों के लिए रायशुमारी कर प्रदेश संगठन को रिपोर्ट सौपेंगे। इसके बाद ही दोनों बड़े पद और सभापतियों का नाम घोषित किया जाएगा।