धमतरी

ईटीपी मॉडल से राइस मिल का पानी साफ कर दोबारा किया जा रहा उपयोग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 31 जनवरी। जल शक्ति अभियान की केन्द्रीय नोडल अधिकारी प्रियंका चंद्रा ने 29 जनवरी को जिले में जल संरक्षण के तहत किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने धमतरी में पानी बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को सराहा। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीणों और किसानों से विस्तारपूर्वक बातचीत की।
प्रियंका चंद्रा जिला मुख्यालय के श्यामतराई स्थित विजय राइस मिल भी पहुंची। उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग, फ्लो मीटर और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया।
मिल संचालक ने बताया कि करीब 9 एकड़ क्षेत्र में बने इस राइस मिल में 3 रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाए हैं, जिनके जरिए बारिश का पानी जमीन में जाता है। साथ ही मिल के बोर में फ्लो मीटर भी लगाए गए हैं, जिनसे प्रतिदिन मिल में उपयोग किए जाने वाले पानी की जानकारी प्राप्त होती है।
उन्होंने बताया कि मिल में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया गया है। इस प्लांट में मिल से निकलने वाले पानी को शुद्ध कर दोबारा उपयोग में लाया जाता है। उन्होंने ईटीपी मॉडल की तारीफ की और इसे उद्योग संस्थानों द्वारा पानी बचाने का सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने मिल में बनाए गए जल शोधन संयंत्र की जानकारी भी ली और उनके संचालन के बारे में जानकारी ली।
केन्द्रीय नोडल अधिकारी ने कहा कि जिले में जल संरक्षण की दिशा में जो कार्य किए जा रहे हैं, उन्हें देखने वह दूसरी बार पहुंची हैं। जल संरक्षण के लिए जो काम किए जा रहे हैं, वह अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने गांव में बनाई गई पोषण वाटिका, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सोकपीट, एक पेड़ बेटी के नाम से लगाए गए पौधों, तालाब और फसल चक्र परिवर्तन के तहत किसानों द्वारा लगाए गए सरसों एवं चना फसलों का भी अवलोकन किया, और परसतराई की नववधु को दी मुंह दिखाई में पौधा भेंट किया।
पहले होती थी पानी की समस्या
परमानंद आडिल ने बताया कि पूर्व में पानी की समस्या थी। परिस्थिति को देखते फसल चक्र परिवर्तन का फैसला लिया गया। पर्यावरण संरक्षण के लिए गांव के पुराने पेड़ पर रक्षा सूत्र बांधा गया है। साथ ही बालिकाओं के नाम पर 243 पौधे भी लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जल एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनोखी पहल की भी शुरूआत की गई है। इसके तहत गांव से शादी होकर जाने वाली बेटियों और शादी कर गांव में आने वाली बहुओं को उपहार स्वरूप पौधा दिया जाता है।