धमतरी

9402 को मिलेगा आवास का स्वामित्व अधिकार अभिलेख
09-Jan-2025 2:05 PM
9402 को मिलेगा आवास का स्वामित्व अधिकार अभिलेख

प्रशासन ने 501 गांवों में सर्वे कराकर बनाया है भू-अभिलेख

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

धमतरी, 9 जनवरी। जिले के 370 ग्राम पंचायतों के 644 गांवों में रहने वाले लोगों को आवास का स्वामित्व अधिकार अभिलेख मिलेगा। अब तक 501 ग्रामीण राजस्व ग्रामों में ड्रोन के माध्यम से सर्वे हो चुका है। 8 जनवरी को प्रतीकात्मक रूप से मुख्यमंत्री ने 16 हितग्राहियों को ग्रामीण आबादी का मालिकाना हक दिया है। जिले के 644 ग्रामों में से 501 ग्रामीण राजस्व ग्रामों में ड्रोन के माध्यम से सर्वे (सर्वे ऑफ इंडिया से) कराया है। कुरूद के सिंधौरीकला के छबिराम साहू ने कहा कि स्वामित्व कार्ड मिलने से उन्हें उनके परिवार को काफी खुशी है। सोनपुर के रामकुमार बंजारे ने बताया कि अब वे बेफिक्र होकर अपने परिवार के साथ अपने जमीन पर रह सकेंगे, उन्हें उनकी जमीन का मालिकाना हक मिल गया। देवरी निवासी श्यामचरण बताते हैं कि मुख्यमंत्री साय के हाथों मुझे स्वामित्व कार्ड प्राप्त हुआ, इससे उन्हें काफी खुशी हुई। जानकारी के मुताबिक 501 ग्रामों के 1319 नक्शा शीटों का राजस्व अमला से भौतिक सत्यापन कराया जाकर 266 ग्रामों का प्रथम प्रकाशन कर दावा-आपत्तियों का निराकरण किया गया। साथ ही 85 ग्रामों के अभिलेखों का अंतिम प्रकाशन कर 85 ग्रामों, 78 ग्राम पंचायतों के 9402 अधिकार अभिलेख सॉफ्टवेयर में अपलोड किया गया। इसमें से बुधवार को 9402 अधिकार अभिलेखों का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा प्रतीकात्मक तौर पर 16 हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख (स्वामित्व कार्ड) वितरित किया गया। बाकी अधिकार अभिलेखों का वितरण संबंधित ग्राम पंचायतों/तहसीलों के जरिए हितग्राहियों को किया जाएगा।

क्यूआर कोर्ड भी बनाया गया

स्वामित्व कार्ड की खासियत है कि यह डिजीटल प्रणाली के रूप में तैयार किया जा रहा है। प्रत्येक भूखंडों का पृथक-पृथक यूएल पिन नंबर जेनरेट हो रहा है, साथ में क्यू-आर कोड अधिकार अभिलेख में प्रिंट किया है। हितग्राही द्वारा क्यू आर कोड का स्कैन कराकर कहीं भी कभी भी प्रिंट कराकर उपयोग किया जा सकेगा। अधिकार अभिलेख की प्राप्ति के लिए किसी भी हितग्राही को किसी भी विभाग में जाने की आवश्यकता नहीं होगी और ग्रामीण आबादी भूमिधारकों के हितों के संरक्षण व संवर्धन के लिए शासन व प्रशासन दृढ़ संकल्पित है।

वित्तीय लेन-देन में मिलेगी मदद

भू-अभिलेख शाखा के अनुसार स्वामित्व योजना का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण आबादी भूमि में निवासरत हितग्राहियों को मालिकाना हक प्रदाय करना, ग्रामीण आबादी स्थित स्थायी परिसंपत्ति के आधार पर बैंकों से ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने हेतु सक्षम बनाएगी। इसके साथ ही शासकीय स्थायी परिसंपत्तियों का उचित पर्यवेक्षण किया जा सकेगा। अतिक्रमणमुक्त रखा जा सकेगा तथा परिसम्पत्ति और कर संग्रहण रजिस्टर के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की अवसंरचना के योजनाबद्ध विकास और मांग आंकलन प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाएगी तथा आबादी भूमिधारक अपनी भूमि का सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा करा सकेगा।


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