धमतरी

मरीज ने कहा -यह योजना वरदान से कम नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 8 दिसंबर। मोदी सरकार द्वारा लागू आयुष्मान भारत योजना का असर गाँव गाँव तक नजऱ आने लगा है। स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में क्षेत्रीय नेतृत्व की दूरगामी सोच का फायदा ग्रामीणों को होने लगा है। अब तक बड़े शहरों की महंगे अस्पतालों में होने वाले जटिल आपरेशन कुरुद में भी संभव हो रहे हैं। ऐसा ही एक केस में डॉ.प्रदीप साहू ने पित्ताशय पथरी का लैप्रोस्कोपिक सर्जरी कर फ्री में इलाज किया।
ज्ञात हो कि पिछले दशक में कुरुद ने स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में काफी प्रगति की है। स्वास्थ्य एवं अन्य विभाग के मंत्री रहते अजय चन्द्राकर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र को हेल्थ सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने में काफी काम किया। जिसके चलते यहाँ शासकीय एवं निजी क्षेत्र में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का काफी विस्तार हुआ है। जिसके चलते यहाँ के काबिल चिकित्सक डॉ.प्रदीप साहू ने जटिल माने जाने वाली पित्ताशय पथरी का लैप्रोस्कोपिक सर्जरी कर गरीब मरीज का लाखों रुपए बचा दिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार कुरुद ब्लॉक के ग्राम गुदगुदा की 36 वर्षीय राधिका बाई, पति योमन साहू, पेट में दर्द और पित्ताशय में पथरी की समस्या से पीडि़त थीं। लंबे समय से उन्हें असहनीय दर्द हो रहा था लेकिन आर्थिक स्थिति के कारण बड़े अस्पतालों में इलाज कराने में सक्षम नहीं थीं। जब उसे प्रदीप हॉस्पिटल लाया गया तो डॉ.साहू और उनकी टीम ने उनका परीक्षण कर सर्जरी की सलाह दी। ततपश्चात डॉ. प्रदीप एवं विशेषज्ञों की टीम ने सफलतापूर्वक लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी सर्जरी की।
ऑपरेशन के बाद राधिका के पति योमन ने डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमने सोचा नहीं था कि इस तरह की अत्याधुनिक सर्जरी हमारे गांव के पास हो सकती है, वह भी मुफ्त में। यह हमारे लिए जीवन बदलने वाला अनुभव है। पति पत्नी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना जैसे कार्यक्रम हम गरीब के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। इसके लिए उन्होंने राज्य एवं केंद्र सरकार के साथ साथ अपने विधायक का भी आभार माना है। इस बारे में डॉ. साहू ने बताया कि लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में छोटे-छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिससे एक घण्टे के भीतर ऑपरेशन हो जाता है। इसमें मरीज को कम दर्द और जल्दी रिकवरी मिलती है।इसलिए मरीज को सर्जरी के तीसरे दिन छुट्टी दे दी जाती है। आधुनिक उपकरण और तकनीक से संक्रमण के जोखिम भी कम होता है।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य आधुनिक चिकित्सा सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में सुलभ और किफायती बनाना है। डॉक्टर ने बताया कि महिला का ईलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त में किया गया। अगर यही ऑपरेशन शहर के किसी बड़े अस्पताल में कराया जाता तो करीब 1 लाख रुपये खर्च होता।