धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 14 अक्टूबर। वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत व्यक्तिगत वन अधिकार के आवेदनों की फिर जांच कर 17 अक्टूबर तक जिला स्तरीय समिति के सामने प्रस्तुत किए जाएंगे। कलेक्टर पीएस एल्मा ने समिति की बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय की याचिका के परिप्रेक्ष्य में मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन अमिताभ जैन के निर्देश का परिपालन करते हुए निरस्त किए गए वन अधिकार के व्यक्तिगत आवेदनों एक बार फिर समीक्षा की जाए।
सुबह 11.30 बजे कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में उन्होंने बताया कि इस संबंध में बुधवार 12 अक्टूबर को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव के द्वारा निरस्त किए गए व्यक्तिगत वन अधिकार प्रकरणों की पुनर्परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। निरस्त किए गए आवेदनों का पुन: परीक्षण कर आगामी 17 अक्टूबर तक कारणों का उल्लेख करते हुए सभी अनुविभागीय अधिकारी प्रस्तुत करें।
इस दौरान सहायक आयुक्त आदिवासी विकास डॉ. रेशमा खान ने बताया कि तीन पीढ़ी के साक्ष्य के अभाव में कुल 1439 आवेदन निरस्त हुए हैं, जिनमें धमतरी विकासखण्ड के 694, मगरलोड के 607 और नगरी विकासखण्ड के 138 व्यक्तिगत दावे शामिल हैं।
कलेक्टर ने वन अधिकार अधिनियम की विभिन्न धाराओं का गम्भीरता से अध्ययन करते हुए सभी निरस्त आवेदनों का पुनरावलोकन करते हुए निर्धारित तारीख तक प्रस्तुत करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इस अवसर पर एसडीएम नगरी गीता रायस्त सहित जनपद पंचायतों के सीईओ, आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।


