धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 5 सितंबर। प्रतिबंधित अवधि में भी जिले में रेत का अवैध खनन बेरोकटोक जारी है। रेत माफिया अब प्रदेश के सबसे बड़े गंगरेल बांध के आसपास भी अवैध खनन शुरू कर दिया है। इस संवेदनशील क्षेत्र में रेत की चोरी से बांध की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़ा होने लगा है। रेत माफियों द्वारा रात में रेत की चोरी किया जा रहा है, जबकि दिन होते चैन माउंटेन मशीन को झाडिय़ों के बीच छुपा रहे। शिकायत के बाद भी अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
नदी में जलीय जीव जंतुओं के जीवन चक्र की सुरक्षा के लिए एनजीटी ने 15 अक्टूबर तक 4 महीने के लिए नदी में रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगाया है। इस अवधि में सिर्फ रेत डंपिंग पाइंट से ही दिया जाना है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा। अब तो रेत माफियाओं ने गंगरेल बांध के नीचे कोटाभर्री की सरहद से महानदी किनारे से रेत का अवैध उत्खनन शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि इसमें क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधि भी संलिप्त हैं, जिनके संरक्षण में रेत माफिया इस संवेदनशील क्षेत्र से रेत की निकासी कर रहे है। बाकायदा रेत माफिया नदी में चैन माउंटेन मशीन उतार कर दिन-रात रेत की निकासी कर रहे हैं।
रोजाना 50 से 60 ट्रिप हाइवा रेत निकल रही हैं। यह हाइवा बाकायदा कोटाभर्री, बरारी होकर रुद्री बॅराज के ऊपर से भी गुजर रही हैं। समय रहते ऐसे तत्वों पर लगाम नहीं कसा गया तो रेत माफियाओं का हौसला और बढ़ जाएगा। गंगरेल बांध के निचले क्षेत्र में रेत की चोरी से ग्रामीणों में गहरा रोष है।


