धमतरी

कंपोजिट बिल्डिंग निर्माण के 9 साल बाद भी नहीं बनी लिफ्ट
05-Sep-2022 2:42 PM
कंपोजिट बिल्डिंग निर्माण के 9 साल बाद भी नहीं बनी लिफ्ट

दिव्यांग परेशान, परिसर में मधुमक्खियों का डेरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 5 सितंबर।
नौ करोड़ की लागत से निर्मित कंपोजिट बिल्डिंग में निर्माण के 9 साल बाद भी लिफ्ट नहीं बन पाया। लिफ्ट के लिए छोड़े गए जगह कूड़ादान व गंदा पानी फेंकने काम आ रहा है।
इस बिल्डिंग में जिला प्रशासन के 15 से अधिक कार्यालय संचालित है। यहां हर रोज सैकड़ों लोगों के साथ अधिकारी-कर्मचारी सीढ़ी चढक़र आना-जाना करते हैं। दिव्यांग व बीमार लोगों के लिए बिल्डिंग की सीढ़ी मुसीबत है। सीढ़ी चढ़ते ज्यादातर लोग हांपते हैं, जबकि इस कार्यालय का पांच से अधिक कलेक्टरों ने निरीक्षण कर लिफ्ट बनवाने का आश्वासन दे चुके हैं, फिर भी नहीं बना। ऐसे में लोगों की परेशानी दिनोंदिन बढऩे लगा है।

कलेक्टोरेट कार्यालय से कुछ दूरी पर जिला प्रशासन के कंपोजिट बिल्डिंग वर्ष 2014 में बनकर तैयार हुआ। बिल्डिंग बने करीब 9 वर्ष पूरे होने को है। यहां उद्यानिकी, सहकारिता, मत्स्य विभाग, शिक्षा, नगरीय निकाय, पशु चिकित्सा, क्रेडा समेत 15 के करीब विभाग संचालित हैं। इन कार्यालयों में हर रोज सैकड़ों लोग पहुंचते हैं, जिसमें दिव्यांग व अस्वस्थ लोग शामिल हैं। कई अधिकारी-कर्मचारी बीपी, शुगर समेत अन्य परेशानियों से ग्रसित है। इन लोगों को कार्यालय तक पहुंचने बिल्डिंग के सीढ़ी चढ़ते हांफना पड़ता है। दिव्यांगों को भारी परेशानी होती है।

कचरा व गंदा पानी से भरा स्थल
कंपोजिट बिल्डिंग में लिफ्ट बनाने के लिए पहले से छोड़े जगह पर लिफ्ट नहीं बनने से विभागीय कर्मचारी यहां कचरा फेंकते हैं। गंदा पानी को भी उसी में डालते हैं। बीड़ी, सिगरेट, गुटखा के रेपर फेंकते हैं, इससे यह जगह भर गया है। यहां बदबू उड़ता है, इससे अधिकारी-कर्मचारियों के साथ लोग परेशान हैं।

लिफ्ट बनाने नहीं दिया ध्यान
शरीर से लाचार लोगों को रोजगार कार्यालय तक पहुंचने के लिए 50 सीढिय़ां चढऩी और उतारनी पड़ती हैं। ऐसे में इस मुसीबत को एक दिव्यांग कितना और झेल सकता है, लेकिन शायद प्रशासन इस मामले में इतना संवेदनशील नहीं है। यही वजह है कि लिफ्ट की जरूरत रहने पर भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में दिव्यांग युवा चाहते हैं कि ये दफ्तर ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट कर दिया जाए।
 


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