धमतरी
एमकॉम कर चुकी धमतरी की बेटी सिद्धी ने उदयपुर में ली दीक्षा, सिद्धी श्रीजी हो गईं
भाइयों को अंतिम बार रक्षासूत्र बांधकर परिवार से ली विदा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 4 अगस्त। धमतरी के नाहर परिवार की 25 वर्षीय बेटी मुमुक्ष सिद्धी नाहर ने बुधवार को उदयपुर में दीक्षा ले ली। उन्होंने सांसारिक जीवन को त्याग दिया। संयम की राह पर चलने का संकल्प किया है। अब सिद्धी संयम जीवन में सिद्धी श्रीजी के नाम से जानी जाएंगी।
दीक्षा लेने वालीं सिद्धी ने एमकाम व पीजीडीसीए किया है। अब उन्हें संसार सिद्धी श्रीजी के नाम से जानेगा। दीक्षार्थी सिद्धी श्रीजी के केश लोचन, वेश परिवर्तन और नाम परिवर्तन सहित विभिन्न शास्त्रोक्त क्रियाएं राजस्थान के उदयपुर में पूरी हुईं। आचार्य रामलाल ने सिद्धी श्रीजी को नया नाम दिया है।
4 साल पहले संयम पथ पर आगे बढऩे की जताई इच्छा
दीक्षार्थी सिद्धी श्रीजी का जन्म बोरझरा में हुआ है। वे गातापार में रहती थी। पिता किशोर चंद और मां ललिता नाहर है। 25 वर्षीय उनकी बेटी सिद्धी नाहर ने 4 साल पहले संयम पथ पर आगे बढऩे की इच्छा माता-पिता से जताई। परिजनों ने भी उन्हें इस संसारिक जीवन छोड़ वैराग्य का मार्ग पर आगे बढऩे के लिए साथ दिया। इसके बाद 3 अगस्त को उनकी दीक्षा उयदपुर में हुई।
भाइयों की कलाई में अंतिम बार बांधा रक्षा सूत्र
5 दिन पहले 29 जुलाई को अपने भाईयों की कलाई में अंतिम बार रक्षा सूत्र बांधा। इस दौरान बहन सिद्धी नाहर की मुस्कुराहट और उमंग व उत्साह भरे चेहरे को देखकर रौनक की आंख भी भर आई। इसके बाद माता-पिता सहित परिजन ने धूमधाम से रामबाग स्थित दीक्षित कॉलोनी घर से विदा किया। फिर वे उदयपुर के लिए जिले से रवाना हुई। दीक्षार्थी सिद्धी संपूर्ण शृंगार के साथ विदा हुई। परिजन ने अपनी बेटी को संयम पथ के लिए विदा किया। इस दौरान उनकी आंखें नम हो गईं। माहौल भावात्मक हो गया। दीक्षार्थी सिद्धी नाहर को उदयपुर जाने रवाना किया गया।



