धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 31 जुलाई। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और वर्तमान कुरूद विधायक द्वारा नौ अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के संबंध में विधानसभा में सवाल उठाए। विधायक अजय चंद्राकर ने जिस तरह से विश्व आदिवासी दिवस के अवकाश के संबंध में जिन शब्दों के साथ अपनी बात सदन में रखा था, वह अमर्यादित है, उससे सर्व आदिवासी समाज जिला धमतरी को आघात पहुंचा है और इन शब्दों की कड़ी एवं तीव्र निंदा करता है।
विश्व आदिवासी दिवस में पूर्व में पूर्व मुख्यमंत्री झारखंड अर्जुन मुंडा वर्तमान केंद्रीय मंत्री आदिम जाति कल्याण विभाग के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम कुरूद में हुआ था, जिसमें उनका सहयोग था। इसके उपरांत कुरूद में जिला स्तरीय विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम पिछले वर्ष हुआ है, जिसमें भी वे शामिल थे, उसके उपरांत आज दुर्भावना पूर्वक आदिवासी बहुल राज्य में आदिवासी समाज के लिए आपका यह शब्द नितांत पूर्वाग्रह और आदिवासियों के प्रति घृणा की स्थिति को दर्शाता है।
कार्यकारी जिलाध्यक्ष महेश रावटे ने कहा कि पूर्व मंत्री ने जो बात कही है उन बातों का मैं खंडन करता हूं। उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस उन देशों में मनाया जाता है, जहां आदिवासी समाज संकटग्रस्त है मैं पूरे दावे के साथ कहता हूं कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी आदिवासी समाज मूलभूत प्राथमिक व्यवस्था से वंचित है जिसमें संचार, परिवहन, चिकित्सा एवं बिजली व्यवस्था तक भी कई क्षेत्रों में अभी तक नहीं पहुंच पाया है और लगभग 50 प्रतिशत आबादी इसी अभावग्रस्त जिंदगी से गुजर रहे हैं।
धमतरी युवा प्रभाग जिलाध्यक्ष प्रमोद कुंजाम ने भी विरोध जताया।
जिला सर्व आदिवासी समाज की महिला प्रभाग की जिलाध्यक्ष अनीता ठाकुर ने कहा कि अभाव एवं उपेक्षा के चलते आदिवासी समाज की छत्तीसगढ़ में 2001 की जनगणना अनुसार 32 फीसदी थी, मगर आज 2021 में 28.5 फीसदी बताया जा रहा है, जो रिपोर्ट वास्तव में आदिवासी समाज के प्रति संवेदनशील नहीं दर्शाती।


