धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 28 जुलाई। छतीसगढ सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत हरेली से गौमूत्र खरीदने की सरकारी घोषणा को अमलीजामा पहनाने में कर्मचारी हड़ताल ने बाधा डाली, लेकिन नगर पंचायत ने मणीकंचन केन्द्र में 35 लीटर गौमूत्र और 450 किलो गोबर खरीदा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने नरवा, गरवा घुरवा बारी के तहत निर्मित गौठान में हरेली के दिन से गोबर के साथ-साथ गौमूत्र खरीदने एवं स्कूलों में गेंड़ी उत्सव मनाने की घोषणा की थी, लेकिन शासकीय कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सब जगह इसका क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो पाया। लेकिन नगर पंचायत अध्यक्ष तपन चंद्राकर, सीएमओ दीपक खाड़े ने व्यक्तिगत प्रयास कर मेघा रोड में स्थित मणीकंचन केन्द्र में किसानों से करीब साढ़े चार किवंटल गोबर और पैंतीस लीटर गौमूत्र खरीद कर योजना का शुभारंभ किया।
गेड़ी चलाकर हरेली पर्व मनाते हुए नपं अध्यक्ष तपन चन्द्राकर ने बताया कि जब से छत्तीसगढिय़ा किसान का बेटा भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने हैं तब से प्रदेश में किसान, मजदूर और आम लोगों को लगने लगा है कि अब अपनी सरकार बनी है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी अस्मिता, संस्कृति, तीज त्यौहार, लोक परम्परा को स्थापित करने का काम किया है। नपं अध्यक्ष श्री चन्द्राकर ने माना कि गौधन योजना के माध्यम से पशुपालन को बढ़ावा देते हुए किसानों से करोड़ों रुपए का गोबर खरीदा गया, आज से गौमूत्र खरीदने की शुरुआत हुई है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ी, और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार आया है।
सभापति मनीष साहू ने कांग्रेस सरकार की गौमूत्र खरीदने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने किसान और किसानी के महत्व को समझा और उसके अनुरूप योजना बनाई, जिससे समाज का हर वर्ग खुशहाल है। इस संबंध में सीएमओ दीपक खाड़े ने बताया कि स्टाफ की कमी के बावजूद जनप्रतिनिधियों के सहयोग से हरेली के दिन गोबर और गोमूत्र की खरीदी की गई, साथ ही नागरिकों की मौजूदगी में कृषि औजार, गौ पूजा, एवं पौधरोपण कर गेड़ी उत्सव मनाया गया।
शासकीय स्कूलों में गेड़ी उत्सव मनाने की सफलता के बारे में बीईओ एफएम कोया ने बताया कि शासन के निर्देश को सभी स्कूलों तक भेज हरेली पर्व धूमधाम से मनाने कहा गया था, लेकिन हड़ताल के चलते यह कोशिश पूरी तरह सफल नहीं हुई, फिर भी कई स्कूलों से गेड़ी उत्सव मनाने की जानकारी आ रही है।


