धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 8 जुलाई। अनुपयोगी हो चुके नलकूप के खुले गड्ढों में बच्चों के गिरने से बचने के सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने शासन ने सभी जिला प्रशासन को निर्देश जारी कर खुले बोरवेल को बंद कराने कहा है। धमतरी कलेक्टर ने इसके लिए चार सदस्यीय समिति का गठन कर रिपोर्ट मांगी है।
गौरतलब है कि छग शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू के हस्ताक्षर से जारी पत्र में समस्त कलेक्टरों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने निर्देश दिया गया है। शासन की ओर से भेजे गए परिपत्र में कहा गया है कि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए शासकीय बोर हो अथवा निजी या किसी भी निकाय संस्था का हो, जिसका उपयोग पेयजल, सिंचाई, वाणिज्यिक या उद्योग के लिए किया जाता हो, खुले में कदापि नहीं रहना चाहिए।
बताया गया है कि नलकूप खनन के दौरान कई बार धसकने, जल दबाव अधिक होने, बोल्डर होने, टूल्स गिरने या टूटने जैसे अन्य कारणों से नलकूप खनन संभव नहीं हो पाता तो लोग केसिंग पाईप निकाल लेते हैं। ऐसे अधूरे कार्य की वजह से बोरहोल का व्यास अधिक होने के कारण दुर्घटना का कारण बनता है। अत: ऐसे होल्स को तत्काल मिट्टी, रेत, पत्थर जैसी सामाग्री से भर सतह को ठोस किया जाना सुनिश्चित किया जावे। अक्सर देखा गया है कि प्रयाप्त पानी नहीं मिलने से बोर को लावारिस हालत में छोड़ दिया जाता है। नियमत: ऐसे नलकूपों को एमएस कैप एवं कांक्रीट ब्लाक बनाकर रखा जाना अनिवार्य है।
पीएचई को कहा गया कि तकनीकी अधिकारियों का दल गठित कर सभी अपूर्ण या पूर्ण रिंगवेल, ओपन वेल में बोर स्वामी से पैरापिट वॉल सहित सभी आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करवाएं। इसके लिए कलेक्टर पीएस एल्मा ने गत दिनों लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कार्यपालन अभियंता बीएन भोयर को नोडल अधिकारी बना एक समिति बनाई है, जो इससे जुड़े प्रकरणों की रिपोर्ट देगी।
कुरुद अनुविभाग में पदस्थ लो.स्वा.यां.वि. सहायक अभियंता पीएस गजेन्द्र ने बताया कि क्षेत्र में इस तरह के बोरवेल कहां और किसके हैं, इसकी जानकारी पंचायत, निकाय, एवं दूसरी शासकीय एजेंसियों की मदद से जुटाई जा रही है। विभागीय तौर पर होने वाले बोरवेल की जानकारी जुटाना आसान है, परन्तु निजी एजेंसियों द्वारा किए गए खनन का रिकॉर्ड रखने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसलिए इस काम में थोड़ा समय लग रहा है, अनुपयोगी हो चुके नलकूपों को चिन्हित कर बच्चों के गिरने जैसी दुर्घटनाओं से बचने के सुरक्षात्मक उपाय किया जाएगा।


