धमतरी

सोसायटियों में खाद की किल्लत, बाजार में आसानी से मिल रही, पर मनमाने दाम पर बेच रहे व्यापारी
18-Jun-2022 3:47 PM
सोसायटियों में खाद की किल्लत, बाजार में आसानी से मिल रही, पर मनमाने दाम पर बेच रहे व्यापारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 18 जून।
मानसून आने के पहले किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए हैं। कृषि कार्य के लिए किसान अब यूरिया, डीएपी समेत अन्य खाद का स्टॉक कर रहे हैं, लेकिन सोसायटियों में डीएपी की किल्लत बनी हुई है। खुले बाजार में 1300 रूपए के डीएपी को 1700 रूपए में बेच रहे है। मुनाफाखोरी के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से किसानों में रोष पनपने लगा है। इसकी शिकायत किसान नेताओं ने कलेक्टर से भी की है।  

इस साल करीब 1 लाख 38 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसान धान की फसल लेने की तैयारी में जुट गए हैं। प्री मानसून की दस्तक के साथ ही क्षेत्र में खेती किसानी की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है, लेकिन किसानों को सोसाइटियों से खाद नहीं मिल रही है। खाद की किल्लत से किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है। किसानों को मनमाने दाम पर व्यापारियों से खाद खरीदनी पड़ रही है, पर बाजार व दुकानों में नकली खाद बेचे जाने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।

किसान भोलानाथ साहू, गौकरण साहू, गोपाल पटेल ने बताया कि यूरिया प्रति 50 किलो 267 रूपए, डीएपी 13 सौ और पोटाश की कीमत 17 सौ रुपए है, लेकिन दुकानों में यूरिया को लादन मिलाकर करीब 550 रुपए में बेचा जा रहा है। 13 सौ रूपए के डीएपी को 17 सौ और पोटाश को 19 सौ रूपए तक किसानों को थमाया जा रहा है।

खाद का स्टॉक एक नजर में
कृषि विभाग के मुताबिक 7 जून की स्थिति में बीज भंडारण के 37 हजार 360 क्विंटल के लक्ष्य के विरुद्ध 37.47 प्रतिशत याने 13997.88 क्विंटल का भंडारण, और 35.27 प्रतिशत, (4937 क्विंटल) वितरण कर लिया गया है। बैठक में खरीफ 2022 के लिए उर्वरक भण्डारण एवं वितरण की जानकारी देते हुए बताया गया है कि जिले में 72 हजार 600 मीट्रिक टन के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 20202.05 मीट्रिक टन उर्वरक यानी 27.83 प्रतिशत का भण्डारण कर लिया गया है। इसमें से 10 हजार 555 मीट्रिक टन, 52.25 प्रतिशत उर्वरक किसानों को वितरित किया गया है।
सहकारिता विभाग के नोडल शिवेश मिश्रा ने कहा कि सहकारी समितियों में यूरिया, डीएपी समेत अन्य खाद का पर्याप्त स्टाफ है। खाद की किल्लत को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है।

किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे व्यापारी  
किसान गोविंद नागवंशी, अंकालूराम पटेल ने कहा कि शासन मांग के अनुरूप सोसायटियों में खाद का भंडारण व आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। इधर, बाजार व व्यापारियों के यहां डीएपी, यूरिया, पोटाश, सुपर फास्फेट खाद आसानी से मिल रही है। यहां पर व्यापारी किसानों की मजबूरी का भी लाभ उठा रहे है। व्यापारी रासायनिक खाद की बिक्री में किसानों से मनमाने दाम वसूल रहे हैं। मुनाफाखोरी से किसानों को नुकसान हो रहा है। डीएपी की कालाबाजारी पर रोक नहीं लगाया गया, तो किसानों को मजबूरी में सडक़ में उतर कर इसका विरोध करना पड़ेगा।  

ऑनलाइन दिखता है पर नहीं मिलती जैविक खाद
किसानों को रासायनिक खाद के स्थान पर जैविक खाद वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करने को प्रेरित कर रही है। लेकिन यहां रासायनिक खाद के साथ वर्मी कंपोस्ट को लेकर भी समस्या बनी हुई है। किसान जसवंत साहू व लक्ष्मण साहू ने बताया कि सोसाइटियों में ऑनलाइन देखने पर वर्मी कंपोस्ट का पर्याप्त भंडारण बताया जाता है, लेकिन वर्मी कंपोस्ट खाद नहीं मिल रही है।

दूसरी फसल भी लेंगे किसान
इस साल धान के बदले अन्य फसल लगाने वाले 3388 किसानों का 2532 हेक्टेयर भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है। यहां अन्य वैकल्पिक फसल के तौर पर सुगंधित धान 838.64 हेक्टेयर, फोर्टीफाइड धान 92.50 हेक्टेयर, मक्का 231 हेक्टेयर, कोदो-कुटकी 141.30 हेक्टेयर, रागी 199.20 हेक्टेयर, अरहर 75.65 हेक्टेयर, उड़द 301.41 हेक्टेयर, मूंग 203 हेक्टेयर, कुल्थी .60 हेक्टेयर, तिल 10 हेक्टेयर, मूंगफली .20 हेक्टेयर, अन्य फसल 438.64 हेक्टेयर में लगाया जाना प्रस्तावित है।
 


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