धमतरी

एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचे राज्य के 9 पर्वतारोही, इनमें 4 दिव्यांग, एक ट्रांसजेंडर भी
04-May-2022 7:17 PM
एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचे राज्य  के 9 पर्वतारोही, इनमें  4 दिव्यांग, एक ट्रांसजेंडर भी

कृत्रिम पैरों-बुलंद हौसलों से की चढ़ाई

धमतरी की चंचल, रजनी ने 10 दिन में पूरी की 5364 मीटर की चढ़ाई 

कैंप पहुंचकर गाया राजगीत- अरपा पैरी के धार...

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी,  4 मई।
धमतरी की 14 साल की दिव्यांग चंचल सोनी व रजनी जोशी ने मजबूत इच्छाशक्ति और छड़ी से ऊबड़-खाबड़ रास्ते पार कर बुलंद हौसले के दम पर बेस कैंप फतह किया। इनके साथ राज्य के 9 पर्वतारोही शामिल थे, जिन्होंने 10 दिन में 5364 मीटर की चढ़ाई पूरी कर एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचे। यहां सभी ने राजगीत अरपा पैरी के धार... गीत गाया। इस टीम में 4 दिव्यांग पर्वतारोही और एक ट्रांसजेंडर भी शामिल रहीं। ट्रैकिंग का मकसद डायवर्सिटी और एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देना रहा। टीम 10 मई को रायपुर लौटेगी।

एक साल से रोज चल  रही थीं 12 किमी
धमतरी की चंचल सोनी का बचपन से एक पैर नहीं है। उन्होंने बैसाखी की मदद से ट्रैकिंग की। चंचल 12 साल की उम्र से व्हीलचेयर बास्केटबॉल प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने बताया, ट्रैकिंग के लिए एक साल से पैदल चलने की प्रैक्टिस कर रही हूं। रोज रूद्री से गंगरेल डैम तक यानी 12 किमी पैदल चलती थी। कई बार आसपास के जंगल और पहाड़ों पर भी गई। चंचल एक पैर से डांस भी करती हैं।

कई बार लडख़ड़ाई पर  चढ़ती रही रजनी
21 साल की पैरा जूडो खिलाड़ी रजनी जोशी लो विजन से जूझ रही हैं। उन्होंने बताया, चढ़ाई के दौरान स्नोफॉल हुआ। बर्फीली पहाडिय़ों पर चढ़ते वक्त कई बार स्टिक फिसल जाती थी। गिरने का डर बना रहता था। कई बार लडख़ड़ाई भी। जैसे-जैसे ऊपर पहुंचते गए ऑक्सीजन कम होती गई, जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत हुई। बर्फबारी के कारण ठंड बहुत लग रही थी। ट्रैकिंग से पहले प्रैक्टिस के मकसद से रोज अपनी साथी चंचल के साथ 12 किमी चलती थी।
 


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