दन्तेवाड़ा

मलेरिया का खात्मा सामूहिक जिम्मेदारी - कलेक्टर
04-Dec-2025 9:28 PM
मलेरिया का खात्मा सामूहिक जिम्मेदारी - कलेक्टर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दंतेवाड़ा, 4 दिसंबर। जिला प्रशासन द्वारा मलेरिया मुक्त दंतेवाड़ा अंतर्गत विशेष अभियान आगमी 8 दिसंबर से संचालित किया जाएगा। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का 13 वां चरण होगा।

इसी कड़ी में जावंगा में कलेक्टर कुणाल दुदावत द्वारा जिले के गीदम दंतेवाड़ा, कटेकल्याण, कुआकोंडा के मैदानी स्वास्थ्य अमले, सरपंच - सचिवों की मेगा बैठक गुरुवार को ली गई।

मलेरिया मुक्त अभियान की उद्देश्य, रूपरेखा, एवं संचालन पर उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर से प्रारंभ होने वाले इस अभियान को अपने  शत प्रतिशत   लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए सभी मितानिने दीदी, सरपंच, सचिव जनप्रतिनिधि इसे चुनौती के रूप में स्वीकारें। भावी पीढ़ी को मलेरिया जैसी बीमारियों से बचाना हम सब का महती दायित्व है। विश्व के अधिकांश देश आज मलेरिया मुक्त हो चुके है। और अगर हम दंतेवाड़ा की बात करे तो मलेरिया उन्मूलन की दृष्टि से अभी हम छत्तीसगढ़ राज्य के औसत से पीछे चल रहे है। जिले में कुआकोंडा, एवं कटेकल्याण ब्लॉक अति संवेदनशील श्रेणी में है। कटेकल्याण ब्लॉक में मलेरिया उन्मूलन को हमें तरजीह देनी होगी क्योकि यहां मलेरिया के विशेष वेरियंट मिले है। इसके अंतर्गत मलेरिया के प्रारंभिक लक्षण न होते हुए भी जांच के दौरान वे मलेरिया पॉजिटिव पाये जा रहे है। ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति दूसरे व्यक्तिओं को भी मलेरिया संक्रमित कर सकता है।

हम इस 13वें चरण के अभियान को गंभीरता से लेते हुए शत प्रतिशत व्यक्ति का ट्रेकिंग करना सुनिश्चित करें और जांच में कोई भी व्यक्ति नहीं छूटना चाहिए।

उन्होंने बताया कि इसके लिए संपूर्ण जिले हेतु 230 चिकित्सा जांच दलों का गठन किया जा चुका है जो घर-घर सर्वे करके प्रति व्यक्ति मलेरिया जांच सुनिश्चित करेगें। इसके लिए सभी मितानिन दीदियों से उनके आस-पास के ही गांव को आवंटित किया गया है ताकि सर्वे में कठिनाई न हो और उनके साथ आरएचओ, सीएचओ की टीम भी मौजूद रहेगी जो जांच के दौरान पॉजिटिव और नेगेटिव लक्षणों व्यक्तियों का चिन्हांकन करके उनके पैरों में चिन्ह अंकित करेगी। इसके अलावा सर्वे हो चुके घरों का स्टीकर भी लगाए जाएगें। उन्होंने आगे बताया कि इसकी रोजाना रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग हेतु जिला मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इसके अलावा ग्रामीणों में जनजागरूता हेतु सोते समय मच्छरदानी का अनिवार्य रूप से उपयोग, जल जमाव वाले स्थलों में मलेरिया रोधी उपायों का उपयोग के लिए ग्रामीणों में व्यवहार परिवर्तन पर जोर दिया जाएगा।

कलेक्टर ने शैक्षणिक आवासीय परिसर जैसे पोटाकेबिन, आश्रमों, तथा पुलिस आवासीय कॉलोनी में भी मलेरिया जांच हेतु अतिरिक्त टीम का गठन करने की जानकारी देते हुए कहा कि जिले में शत् - प्रतिशत उन्मूलन हेतु जनभागीदारी एवं जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेवें। इस समर्पित प्रयास से ही हम निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेगें।

उन्होंने बैठक में मौजूद सरपंच सचिवों से आग्रह किया कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से सहयोग देते हुए पंचायतो की बैठक का आयोजन करें साथ ही स्वयं भी मलेरिया जांच करवा कर ग्रामीणों को प्रेरित करें। कलेक्टर ने अंत में कहा कि जिस तरह सामाजिक सहयोग से पोलियो उन्मूलन अभियान को सफलतापूर्वक अजांम दिया गया उसी प्रकार यही रणनीति मलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए अपनानी होगी। इसके साथ ही मलेरिया मुक्त अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले मैदानी कर्मचारियों को आगामी गणतंत्र दिवस को प्रशस्ति पत्र एवं प्रोत्साहन राशि भी प्रदान किया जायेगा।  इस दौरान बैठक में उपस्थित मितानिन दीदियों द्वारा अपनी कार्य क्षेत्र में आनी वाली समस्याओं से अवगत भी कराया गया। इस संबंध में कलेक्टर ने समस्याओं निदान हेतु प्रभावी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।     

 इस अवसर पर डॉ. अजय रामटेके, डॉ. शुभाशीष मंडल, डीपीएम प्रतीक सोनी और मलेरिया के नोडल अधिकारी प्रमुख रूप से मौजूद थे।


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