दन्तेवाड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 27 जुलाई। जिला प्रशासन द्वारा गीदम विकासखंड के 20 किसानों को मिलेट मिक्सी वितरित की गई। इस पहल का उद्देश्य मिलेट्स के घरेलू उपयोग को बढ़ावा देना है।
जिला पंचायत सदस्य एवं कृषि विभाग की सभापति ममता मंडावी द्वारा किसानों को प्रदान किया गया। कार्यक्रम में मिलेट आधारित जीवनशैली को अपनाने और इसे ग्रामीण अंचल में प्रोत्साहित करने की दिशा में सार्थक संवाद भी हुआ।
मिलेट्स की खेती और चुनौतियां
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में दंतेवाड़ा जिले में लगभग 16 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कोदो, कोसरा और रागी जैसी फसलें उगाई जाती हैं। हालांकि इन फसलों की स्थानीय प्रोसेसिंग सुविधाओं की कमी के चलते अधिकांश किसान इन्हें खुले बाजार में बेचने को विवश हैं, जिससे उन्हें इनका पूरा मूल्य नहीं मिल पाता। इसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए किसानों को प्रोसेसिंग उपकरण प्रदान कर उन्हें स्वयं के उपभोग तथा मूल्यवर्धन की दिशा में सक्षम बनाने का प्रयास किया गया है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को घर पर ही अनाजों की प्रोसेसिंग की सुविधा देना है, जिससे वे मिलेट्स को अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकें। इससे न केवल ग्रामीण परिवारों में पोषण स्तर में सुधार होगा, बल्कि इन अनाजों की बाजार में मांग और मूल्य में भी वृद्धि होगी। साथ ही, यह खाद्य विविधता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने में सहायक सिद्ध होगा।इस अवसर पर कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में कृषकगण मौजूद थे।
इसके अलावा कोदो, कोसरा और रागी जैसे अनाज पोषण का भंडार हैं, जिनमें फाइबर, आयरन, कैल्शियम, जिंक और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इनका सेवन मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियों के नियंत्रण में सहायक होता है। साथ ही, इनमें फाइबर की अधिकता इन्हें पाचन के लिए लाभकारी बनाती है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। विशेष रूप से रागी में उच्च मात्रा में कैल्शियम होता है, जो बच्चों और महिलाओं के लिए अत्यंत उपयोगी है।