दन्तेवाड़ा

एनएमडीसी बचेली में सहायक प्रबंधक हैं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 21 दिसंबर। खून की कमी से कई लोगों की मौत हो जाती है, तो कई लोगों को समय पर खून उपलब्ध नहीं हो पाता है। ऐसे में बचेली में एनएमडीसी परियोजना में स्क्रीनिंग प्लांट 10,11 ए के सहायक प्रबंधक पद पर कार्यरत मोहित तोमर ने लोगों की जान बचाने का बीड़ा उठाया है। वह 34 वर्ष की उम्र में 44 बार रक्तदान कर चुके हंै। हरियाणा रोहतक के निवासी मोहित वर्ष 2006 से यह पुनीत कार्य कर रहे है। रक्तदान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की और मजबूत करते हुए इतनी बार रक्तदान कर चुके हंै।
वे बताते हैं कि 2006 में बी.टेक की पढ़ाई कर रहे थे, तभी कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर सीनियर छात्र के पिता के लिए रक्त की आवश्यकता का नोटिस था। मोहित ने बिना देर किए रक्तदान करने का निर्णय लिया, और उसी समय से उनका रक्तदान का सिलसिला शुरू हो गया। वे बताते हैं, उस दिन की खुशी आज भी मुझे याद है जब मैंने अपने सीनियर के पिता की मदद के लिए रक्त दिया था। उस अनुभव ने मुझे प्रेरित किया, और तब से मैंने कई बार रक्तदान किया है, चाहे दिन हो या रात, मुझे कभी यह एहसास नहीं हुआ कि मैं कितनी बार रक्तदान कर चुका हूं।
मोहित ने बताया कि कई बार उन्हें देर रात 2 बजे भी रक्तदान के लिए फोन आता था, और वे बिना किसी हिचकिचाहट के तुरंत रक्त देने के लिए तैयार हो जाते थे। उनका रक्तदान कार्य उनके घर के पास स्थित मेडिकल कॉलेज और ब्लड बैंक से भी जुड़ा था, जहां उन्होंने अपना नंबर रजिस्टर करवा रखा था।
मोहित का मानना है कि रक्तदान से किसी की जान बचाई जा सकती है, और यही कारण है कि उन्होंने हमेशा दूसरों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया। वे कहते हैं, मैंने कई लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया, और जब भी मुझे धन्यवाद मिलता है, तो यह संतुष्टि का अहसास होता है। इस निरंतर सेवा और प्रेरणा से कई लोग रक्तदान के महत्व को समझ पाए हैं। वे उम्मीद करते हैं कि उनका यह कार्य दूसरों को भी जागरूक करेगा और रक्तदान के प्रति लोगों की सोच बदलने में मदद करेगा।
मोहित तोमर को पिछले दिनों किंरदुल में राघव मंदिर परिसर में आयेाजित कार्यक्रम में बैलाडीला योग समिति व गायत्री परिवार द्वारा सम्मानित किया गया था। इसके अलावा भी उन्हें कई जगहों पर इस पुनीत कार्य के लिए सम्मानित किया जा चुका है।