दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 28 अगस्त। किसी भी शिशु के जीवन के प्रारम्भिक वर्ष उसके शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होते है। जहां उन्हें विशेष देखभाल एवं खान पान की दरकार होती है यूं तो हर माता पिता अपनी क्षमतानुसार अपने शिशु की समुचित देखभाल सुनिश्चित करते है परन्तु चुनौती वहां आती है जब शिशु का जन्म जटिल परिस्थिति में होने के कारण जन्म से ही कमजोर होते है और बच्चों में कुपोषित होने का खतरा बढ़ जाता है।
14 जून 2021 को जन्में बालक तहजीब अहमद भी अपने जन्म के दौरान अत्यंत कम वजन (1.600 ग्राम) के साथ पैदा हुआ था। जबकि माता वंदना की शारीरिक स्थित गर्भावस्था के दौरान सामान्य ही थी और उनके खान पान पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा था। परन्तु समस्या तब आई जब दुर्भाग्यवश घरेलू काम करते समय एक दिन वंदना घर पर ही गिर पड़ी जिससे उसके पैरों में गहरी चोट आई थी। फलस्वरूप अपने होने वाले बच्चे के प्रति आशंकित वंदना इतनी भयभीत हो गई कि उसका प्रसव 8वें माह में ही ऑपरेशन से कराना पड़ा। ऐसी स्थिति में जब नन्हें शिशु तहजीब को 11 दिन तक एनआईसीयू में रखा गया और 12वें दिन पिता हासिम अहमद तहजीब को वजन कराने आंगनबाड़ी केन्द्र लाए, तब बच्चे का वजन मात्र 1.700 ग्राम था। चूंकि स्थिति गंभीर थी और एक बड़ी चुनौती माता पिता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका के समक्ष आ गई थी।
इस संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि उस समय कोविड-19 का दौर चल रहा था और अधिकांश लोग बाहरी व्यक्ति को अपने घर आने नहीं देते थे और मैं स्वयं मातृत्व अवकाश के बाद अपनी 6 माह की बच्ची के साथ आंगनबाड़ी में पुन: कार्यभार ग्रहण करने आई थी फिर मैंने बच्चे माता पिता से चर्चा कर उन्हें ‘‘कंगारू मदर केयर’’ के संबंध में बताया साथ ही इससे संबंधित विडियो भी उन्हें भेजा। चूंकि माता पिता भी ‘‘तहजीब’’ के कम वजन को लेकर बहुत चिंतित थे फिर उन्होंने कंगारू मदर केयर के माध्यम से शिशु को गर्माहट देने की प्रक्रिया जारी रखी।
कुछ समय पश्चात नन्हें तहजीब को बी.सी.जी का टीका समय पर लग गया परन्तु बाकि टीके के लिए बच्चें का निर्धारित वजन हो जरूरी था। मां बाप दुखी तो थे परन्तु उन्होंने हार नहीं मानी। माह जुलाई 2021 के वजन त्यौहार में बच्चे का वजन 1.920 मापा गया। बच्चा कुपोषित तो था परन्तु फिर भी आशा की किरण दिखाई दे रही थी। गहन देखभाल एवं माता के खानपान से बच्चे के वजन में बढ़ोत्तरी होने लगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निरन्तर मां पिता का हौसला बढ़ाती रही।
साथ ही गृह भेंट के दौरान उन्होंने वंदना को बच्चे को निरन्तर मां का दूध पिलाने की सलाह दी, इस प्रकार माह अगस्त में तहजीब का वजन 2.500 ग्राम हो गया एक बार फिर से 14 सितम्बर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बच्चे का वजन किया तो वजन बढक़र 3.440 ग्राम हो आया अतंत: 5 अक्टूबर 2021 को शिशु तहजीब को ’’ पेन्टा 01 का टीका लग ही गया और तब तहजीब की उम्र 6 माह होने को आई तब माता पिता को मां के दूध के साथ ऊपरी आहार खिलाने की भी सलाह दी गई अब बच्चे का वजन 6.240 हो गया था इस प्रकार तहजीब गंभीर कुपोषित से मध्यम कुपोषित श्रेणी में आ गया और बच्चे का पेन्टा 03 टीका से टीकाकरण का चक्र भी पूर्ण हो गया।
माता पिता के हर्ष का तब ठिकाना नहीं था जब समय के साथ फरवरी 2022 को तहजीब का वजन 7.660 ग्राम हुआ और कुल मिलाकर तहजीब वृद्धि चार्ट के अनुसार सामान्य श्रेणी में आ गया। इस तरह महिला एवं बाल विकास विभाग की विभागीय सेवा, रेडी टू ईट का सेवन, बाल संदर्भ सेवा, टीकाकरण, माता-पिता की जागरूकता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका के कठिन परिश्रम एवं निरंतर निगरानी के साथ तहजीब अहमद का वजन बढ़ गया और आज तहजीब (02 वर्ष की आयु में वजन 12.600 ग्राम है) एक सामान्य जीवन जी रहा है।


