‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 7 सितंबर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय नगरी के तत्वावधान में शिक्षक दिवस समारोह एवं शिक्षक भावी पीढ़ी के वास्तुकार विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त विकास खंड शिक्षा अधिकार आर.एल.देव, विशेष अतिथि के रुप में सेवानिवृत्त विकास खंड शिक्षा अधिकारी एवं प्राचार्य ए एल बनपेला, वर्तमान विकास खंड शिक्षा अधिकारी सतीश प्रकाश सिंह, सेवानिवृत्त व्याख्याता एससी पटेल, सेवानिवृत्त शिक्षक बृजलाल साहू, शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल सांकरा के प्राचार्य अनिभा अग्रवाल, सेवानिवृत्त व्याख्याता गौतम चंद साहू एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी माधुरी बहन मंच पर विराजमान रहे। इस कार्यक्रम में लगभग 50 शिक्षकों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ महान दार्शनिक, शिक्षाविद, भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित करके प्रारंभ किया गया।
इस अवसर पर विद्वान शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा की निर्माण एवं प्रलय शिक्षक की गोद में खेला करती है। मानव जन्म से इंसान नहीं है उन्हें कोई न कोई शिक्षक इंसान बनाया है, यह अवसर पर हम शिक्षकों को एकत्रित होकर के अपने विचारों का आदान प्रदान करके एक दूसरे को प्रेरित करने का अवसर प्रदान करता है।
बृजलाल सार्वा ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस स्थान पर आकर मुझे गहन शांति का अनुभव होता है, उन्होंने इस संस्था द्वारा मानव कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा किया।
एस सी पटेल ने कहा कि शिक्षक दिवस का कार्यक्रम केवल शैक्षणिक संस्थाओ में ही ना हो बल्कि पूरे समाज को करना चाहिए।
ए.एल.बनपेला ने कहा शिक्षक निरीह प्राणी नहीं बल्कि ज्ञान धन से संपन्न है ,एक अच्छे शिक्षक का सम्मान विद्यार्थी एवं समाज स्वत: ही करता है। सतीश प्रकाश सिंह ने कहा इस वनांचल क्षेत्र में शिक्षकों के साथ मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर के समाज के उत्तरोत्तर उन्नति के लिए अच्छे परिणाम मूलक कार्य करना चाहता हूं। कार्यक्रम में पदुम साहू व्याख्याता ने स्वरचित कविता का पठन किया।
आर एल देव ने कहा शिक्षक समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसके बगैर हम सभ्य समाज की कल्पना नहीं कर सकते। राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी माधुरी बहन ने शिक्षक शब्द का अर्थ शिष्टाचार, क्षमाशील, कर्तव्यनिष्ठ से परिपूर्ण होना बताया।शिक्षक को एक आर्किटेक्ट की संज्ञा देते हुए कहा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मे परम पिता, परम सद्गुरु, जिन्हें हम सत्यम शिवम सुंदरम भी कहते हैं,राज योग की शिक्षा देकर समाज में आध्यात्मिकता एवं नैतिक उत्थान का कार्य कर रहे।उन्होंने इस कार्य में सभी को जुडऩे के लिए आह्वान किया।
कार्यक्रम को अनिभा अग्रवाल एवं सुषमा आङिल ने भी संबोधित किया। अंत में सभी अतिथियों एवं शिक्षकों को श्रीफल एवं परमात्मा की सुंदर रचना लक्ष्मी नारायण की फोटो, पेन एवं गमछा भेंट किया गया।
कार्यक्रम के अंत में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष नंद यादव ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए आगामी कार्यक्रम के लिए भी आशीर्वाद बनाए रखने का आग्रह किया।