आक्रोशित भीड़ ने आरोपी के घर व गोदाम में लगाई आग, तनाव, पुलिस बल तैनात
एसडीएम और एसपी से धक्का-मुक्की
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सूरजपुर,14 अक्टूबर। सूरजपुर में प्रधान आरक्षक तालिब शेख की पत्नी व बेटी की हत्या को लेकर पूरा सूरजपुर उबल गया। आक्रोशित भीड़ ने संदेही आरोपी कुलदीप साहू के घर, गोदाम व कई वाहनों में आग लगा दी।
इस दोहरे हत्याकांड को लेकर सूरजपुर में तनाव की स्थिति है। आक्रोशित भीड़ ने थाने के सामने धरना दिया और जमकर नारेबाजी की। घटना के विरोध में सूरजपुर के लोगों ने दुकानों को बंद कर दिया है। फिलहाल, सूरजपुर शहर में तनावपूर्व स्थिति है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर भीड़ को काबू करने में जुटे हुए हैं। पुलिस लगातार लोगों को समझाइश दे रही है।
शाम हो जाने के बाद भी आक्रोशित भीड़ नेशनल हाईवे पर बैठकर जमकर प्रदर्शन कर रही है। वहीं आगजनी के घटना के बीच लोगों को समझाइश देने पहुंचे एसडीएम जगन्नाथ वर्मा को आक्रोशित लोगों ने मारने के लिए दौड़ाया। इसी बीच एक आरक्षक ने एसडीएम को पकडक़र दौड़ लगाई और सुरक्षित जगह भेजा, नहीं तो एसडीएम गंभीर रूप से घायल हो सकते थे, वहीं भीड़ को शांत कराने पहुंचे सूरजपुर एसपी एम.आर.अहिरे के साथ भी भीड़ ने धक्कामुक्की की।
प्रधान आरक्षक की पत्नी व बेटी की गला रेत कर हत्या के बाद और सोमवार को दोनों की लाश मिलने के बाद आक्रोशित भीड़ ने आरोपी कुलदीप साहू के पुराना बाजार स्थित मकान को आग के हवाले कर दिया। घटना की सूचना पर एसडीएम जगन्नाथ वर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की, पर आक्रोशित भीड़ ने एसडीएम पर हमला कर दिया, पुलिस ने सुरक्षित जगह भेजा। भीड़ ने आरोपी के घर के पास और गोदाम के पास खड़ी कई गाडिय़ों को भी फूंक दिया है।
आईजी अंकित गर्ग पहुंचे सूरजपुर
सूरजपुर में तनाव और बवाल के बीच सरगुजा रेंज आईजी अंकित गर्ग शाम को सूरजपुर पहुंचे,इसके बाद पुलिस ने थाने के सामने बैठी भीड़ को खदेड़ा, वहीं नेशनल हाईवे पर आंदोलन कर रहे लोगों को भी हटाया। आईजी ने कहा कि अपराधी को पकडऩे कई टीम लगी हुई है, शीघ्र ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अब और खामोशी नहीं-सिंहदेव
छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव ने इस दोहरे हत्याकांड को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि सभी छत्तीसगढ़वासी बहुत ही कष्ट के साथ प्रदेश को एक ‘भयावह अपराध प्रदेश’ में तब्दील होते हुए देख रहे हैं। अपराधी निर्भीक हैं जैसे उन्हें या तो प्रशासन का डर नहीं, या उसके समर्थन पर पूरा भरोसा है। सूरजपुर में प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या ने एक बार फिर सरकार और कानून-व्यवस्था की निष्क्रियता को उजागर किया है। जब एक पुलिसकर्मी के परिवार को इस तरह के खतरे में है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या हाल होगा?
सरकार की सुरक्षा व्यवस्था में चूक ने हमारे समाज को एक डरावने भविष्य में धकेल दिया है। दुर्दांत अपराधी निर्मम हत्याएं जैसे भयंकर से भयंकर अपराध कर किस प्रकार फरार हो जा रहे हैं - क्यों पुलिस प्रशासन को इतना कमज़ोर कर दिया गया है कि वो स्वयं खतरे में हैं?
क्यों लगातार हो रहे अपराध और समाज में फैलते भय के बाद भी सरकार में सुधार की कोई योजना नहीं है?
भाजपा सरकार जवाब दे कि आखिर कब तक प्रदेश को ऐसी बर्बरता और अराजकता को सहन करना पड़ेगा?
याद रहे हमारे सुरक्षा बल और उनके परिवार भी छत्तीसगढ़ परिवार का हिस्सा हैं,उनके विरुद्ध ऐसे अन्याय और अपराध नाकाबिले बर्दाश्त हैं। अब और खामोशी नहीं।
प्रदेश में असुरक्षा, अराजकता का वातावरण
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव परवेज़ आलम गांधी ने कहा कि सूरजपुर की घटना ने जनमानस को अंदर से झकझोर कर रख दिया है। अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गये हैं कि अब पुलिस और उनका परिवार भी सुरक्षित नहीं है।
प्रदेश में लगातार बढ़ते अपराध से सभी चिंतित हैं। सरकार को यह सोचना होगा, समझना होगा और प्रदेश के एक-एक व्यक्ति की सुरक्षा को लेकर क्या बेहतर कदम उठाये जा सकते हैं? इस पर संवेनशीलता के साथ जिम्मेदारी से कार्य करना होगा।