पिनकोड पुरानी बात हुई, अब डिजीपिन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 जून। अब डाक सेवाएं, अमेजऩ और जोमेटो, स्विगी की तरह डिलीवरी करेगा। इसके लिए डाक विभाग ने गूगल लोकेशन की तरह डिजीपिन एप लांच कर दिया है। इसके जरिए नागरिक अपने घर के पते लोकेशन को सेंड या अपलोड कर , स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, पार्सल आदि भेज और मंगा सकेंगे। बस इसके लिए एप को डाउनलोड करना होगा।
इसके साथ ही कुछ अरसे बाद परंपरागत पिन कोड का पीढिय़ों से चला आ रहा सिस्टम खत्म हो जाएगा। तब तक विभाग दोनों सिस्टम पर काम करता रहेगा। पारंपरिक पिन कोड (मसलन 492001) जहां बड़े क्षेत्र को कवर करते हैं, वहीं 10 अंकों वाला डिजीपिन सिस्टम अब घर या व्यवसाय के सटीक स्थान को दर्शाता है।
पिन कोड और डिजीपिन में अंतर
डाक विभाग के डिजीपिन में 10 अंकों का डिजिटल कोड होता है। पारंपरिक पिन कोड, जो बड़े क्षेत्र को कवर करता था, की जगह डिजीपिन सटीक स्थान की जानकारी देगा। यानी इस डिजीपिन के जरिए आपके घर या व्यवसाय का सटीक स्थान पता किया जा सकेगा। और यह पत्राचार को सही स्थान पर पहुंचाएगा। वैसे पुराने और नए शहर में कुल 15 पिनकोड के जरिए डाक अमला चिट्टी पत्री वितरीत करता है। इनमें से कुछ पिनकोड इनएक्टिव भी कर दिए गए हैं। इनके सभी डाकघर से डिलीवरी बंद कर दी गई है। इस समय 492001 मुख्य डाकघर 02 मंत्रालय(पूर्व में साइंस कॉलेज था) 03 उरला, 04 पंडरी, 06-07 बंद, 8 डब्ल्यूआरएस, 9 गंज, 10 रविवि, 11-12 बंद, 13 सुंदरनगर, 14 माना बस्ती, 15 माना कैम्प, और 099 टाटीबंध क्षेत्र के पिनकोड हैं।
अपना डिजिपिन कैसे खोजें?
अपना डिजिपिन खोजने के लिए सरकारी वेबसाइट https://dac.indiapost.gov.in/mydigipin/home तैयार की गई है। इस वेबसाइट पर जाकर और खोजे गए स्थान पर क्लिक करके, आप अपना 10 अंकों का डिजिपिन पता कर सकते हैं। डिजिपिन अन्य एड्रेस सिस्टम से अलग है क्योंकि अब चार मीटर के दायरे में अपना सटीक स्थान जान सकते हैं। इंडिया पोस्ट ने आईआईटी हैदराबाद, एनआरएससी और इसरो के सहयोग से डिजिपिन नामक एक जियोकोडेड डिजिटल एड्रेस सिस्टम विकसित किया है। डिजिपिन का इस्तेमाल ऑफलाइन भी किया जा सकता है।