गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 26 अप्रैल। गरियाबंद जिले में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए हाथों पर काली पट्टी बांध कर विशाल रैली निकाली। इस रैली में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए, जिन्होंने आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मस्जिद से शुरू हुई यह रैली तिरंगा चौक तक पहुंची, जहां आतंकवाद का पुतला दहन किया गया। रैली के दौरान ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’, ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’, ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे गूंजते रहे। प्रदर्शनकारियों ने आतंकवादियों को जल्द से जल्द पकडक़र कड़ी सजा देने की मांग की।
बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की नृशंस हत्या से पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। घटना की कड़ी निंदा करते हुए मुस्लिम समाज ने जुम्मे की नमाज के बाद तिरंगे झंडे और आतंकवाद विरोधी बैनर लिए आतंकवाद व पाकिस्तान मुर्दाबाद’, ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’, ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे के साथ तिरंगा चौक पहुंचे जहां। प्रदर्शनकारियों ने आतंकवादियों प्रतीकात्मक पुतला को जला जम कर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री से जल्द से जल्द पकडक़र कड़ी सजा देने की मांग की। इस दौरान रैली में शामिल पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष गफ्फू मेमन ने कहा, आज गरियाबंद का मुस्लिम समाज एक स्वर में आतंकवाद की निंदा करता है। हम भारत के नागरिक हैं, और हमारा देश हमारी पहली प्राथमिकता है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने हमें गहरा दुख पहुंचाया है। हम चाहते हैं कि सरकार आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे।
यह रैली सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारे देश के प्रति हमारी निष्ठा और आतंकवाद के खिलाफ हमारे संकल्प का प्रतीक है।
गफ्फू मेमन ने आगे कहा, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को नुकसान पहुंचाया है। हम मुस्लिम समाज के लोग साफ कहना चाहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। जो लोग निर्दोष लोगों की जान लेते हैं, वे इंसानियत के दुश्मन हैं। हमारी मांग है कि ऐसे आतंकवादियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और उन्हें कठोर सजा दी जाए। साथ ही, हम अपने हिंदू, सिख, ईसाई और अन्य भाइयों के साथ मिलकर देश की एकता को और मजबूत करेंगे।
प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था
रैली के दौरान गरियाबंद पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। पुलिस बल की मौजूदगी ने यह सुनिश्चित किया कि रैली शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो। स्थानीय पुलिस अधीक्षक ने कहा, हमने रैली के लिए पूरी व्यवस्था की थी, और यह शांतिपूर्ण रही। हम समाज के हर वर्ग के साथ हैं, जो आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर अपनी आवाज उठा रहा है। रैली के आयोजकों ने भी प्रशासन के सहयोग की सराहना की।
रैली के आयोजकों और मुस्लिम समाज के नेताओं ने अपील की कि समाज के सभी वर्ग आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहें। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत उसकी विविधता और एकता में है, और आतंकवादी ताकतें इसे कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने युवाओं से भी अपील की कि वे सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले कंटेंट से बचें और देश की एकता को मजबूत करने में योगदान दें।
सदर कय़ूम ख़ान ने कहा=कि पहलगाम की वादियों में मासूमों का खून बहाने वाले ये आतंकी इंसान नहीं, हैवान हैं! एक मुसलमान के दिल से कहता हूँ—हमारा मज़हब जिंदगी देना सिखाता है, न कि छीनना। इन कायरों का न कोई ईमान है, न वतन से वफ़ा। कश्मीर हम सबका है, उसकी शांति हमारी जि़म्मेदारी है। इस घृणित हमले की मैं पुरज़ोर निंदा करता हूँ और हर उस शख्स के साथ खड़ा हूँ जो अमन चाहता है। आतंक की ये आग बुझानी है—हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, सब मिलकर। कश्मीर फिर से ख़ुशहाल होगा, हम ये वादा निभाएँगे!
समाज सेवी इमरान ने कहा कि पहलगाम के मासूम पर्यटकों पर हुआ यह आतंकवादी हमला सिफऱ् इंसानियत पर हमला नहीं, बल्कि कश्मीर की खूबसूरत वादियों और वहाँ की शांति पर धब्बा है। एक मुसलमान के तौर पर मैं कहता हूँ—इस्लाम अमन और भाईचारे का पैग़ाम देता है, न कि नफऱत और खूनखराबे का। इन आतंकियों का न कोई मज़हब है, न कोई ज़मीर। मैं इस जघन्य कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ और हर कश्मीरी, हर हिंदुस्तानी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हूँ। हमारी ताकत हमारी एकता में है—आतंक के खिलाफ, शांति के लिए, और इंसानियत के लिए। कश्मीर का हर दिल फिर से मुस्कुराएगा, हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे।