‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 मार्च। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील लेखक संघ इकाई राजनांदगांव के तत्वावधान में शहीदे आजम भगत सिंह के शहादत दिवस की स्मृति में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
प्रलेस राजनांदगांव इकाई के सचिव पोषण वर्मा ने बताया कि गोष्ठी के प्रारंभ में मुकेश रामटेके ने कहा कि भगत सिंह ने जिस उम्र में आजादी के लिए क्रांति किया, वो महान व साहसिक कदम है। जिसकी तुलना नहीं की जा सकती। आज उस उम्र के नौजवानों में वैसी चेतना नहीं दिखती। तत्पश्चात मुन्ना बाबू ने कहा कि भगत सिंह एक महान क्रांतिकारी होने के साथ महान विचारक और लेखक थे। उनका दिया नारा और उनका बलिदान हमेशा अमर रहेगा। श्रीकेश शर्मा ने भगत सिंह की शहादत को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया।
प्रो. थानसिंह वर्मा ने कहा कि भगत सिंह को वैचारिक क्रांति की चेतना उनके परिवार से प्राप्त हुई थी। कम उम्र में ही भगत सिंह ने लेनिन, माक्र्स और दुनियाभर में हुई क्रांति के विचारों को पढ़ चुके थे। वे साम्राज्यवाद और शोषण के खिलाफ थे। इकाई के सचिव पोषण लाल वर्मा ने कहा कि भगत सिंह मात्र तेईस वर्ष की उम्र में देश की आजादी के लिए शहीद हो गए।
प्रभात तिवारी ने कहा कि आज के युवाओं में उनके जैसी झलक बहुत कम ही देखने को मिलती है । आज भगत सिंह जैसे सब कुछ कुर्बान करने वाले लोग नहीं मिलते। आज लोग सच बोलने से कतराते हैं। नौजवानों में उनके विचार पल्लवित करने की आवश्यकता है। गोष्ठी में हरेंद्र कंवर, आलोक पंसारी, अजय सिंह तथा धनेश उपस्थित रहे। अंत में कार्तिक साहू ने आभार प्रदर्शन किया।